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बाबा बर्फानी की यात्रा पर फारूक अब्दुल्ला का दिल छू लेने वाला संदेश!

अमरनाथ यात्रा पर JKNC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला का दिल छू लेने वाला बयान! उन्होंने कामना की है कि श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर खुशी-खुशी लौटें और कश्मीर की मेहमाननवाज़ी व खूबसूरती की तारीफ करें। यह बयान सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक है।

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Ajit Kumar Pandey
बाबा बर्फानी की यात्रा पर फारूक अब्दुल्ला का दिल छू लेने वाला संदेश! | यंग भारत न्यूज

बाबा बर्फानी की यात्रा पर फारूक अब्दुल्ला का दिल छू लेने वाला संदेश! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है और इस बीच जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला का एक बयान सामने आया है, जो हर किसी का दिल छू गया है। मंगलवार 24 जून 2025 को उन्होंने उम्मीद जताई है कि भोलेनाथ के दर्शन के लिए आने वाले सभी श्रद्धालु खुशी-खुशी यात्रा पूरी करें और अपने घर लौटकर लोगों की मेहमाननवाज़ी और कुदरती खूबसूरती की तारीफ करें। उनका यह संदेश न सिर्फ सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक है, बल्कि कश्मीरियत की उस भावना को भी दर्शाता है, जहां सदियों से विभिन्न धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते आए हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमरनाथ यात्रा की तैयारियां ज़ोरों पर हैं और देशभर के श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए उत्साहित हैं।

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अमरनाथ यात्रा: जब फारूक अब्दुल्ला ने जीता सबका दिल!

जैसे-जैसे अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे बाबा बर्फानी (Baba Barfani) के भक्तों में उत्साह बढ़ता जा रहा है। इस माहौल के बीच, जम्मू-कश्मीर की सियासत के एक बड़े चेहरे, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने न सिर्फ लोगों का ध्यान खींचा है, बल्कि कश्मीर की सच्ची भावना को भी उजागर किया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि श्रद्धालु भोलेनाथ के खुशी-खुशी दर्शन करें, अपने घरों को लौटें और कहें कि यहाँ के लोग कितने अच्छे हैं और अल्लाह ने इस जगह को कैसी खूबसूरती बख्शी है।"

यह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि कश्मीर की उस सदियों पुरानी परंपरा का आईना है, जहां अतिथि को देवता माना जाता है। फारूक अब्दुल्ला का यह संदेश अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा और सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ, मानवीय संबंधों और आपसी भाईचारे की अहमियत पर भी ज़ोर देता है। यह दिखाता है कि कैसे धार्मिक यात्राएं केवल आस्था का ही नहीं, बल्कि एकता और सद्भाव का भी प्रतीक बन सकती हैं।

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जम्मू-कश्मीर का प्राकृतिक सौंदर्य हमेशा से ही दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर खींचता रहा है। अमरनाथ यात्रा इसी खूबसूरती के बीच से होकर गुजरती है। ऐसे में, फारूक अब्दुल्ला का यह बयान श्रद्धालुओं को एक सुखद और सुरक्षित यात्रा का भरोसा दिलाता है। उनका यह कहना कि यात्री वापस जाकर कश्मीर और यहाँ के लोगों की तारीफ करें, सीधे तौर पर पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य की छवि को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

फारूक अब्दुल्ला के इस बयान का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह ऐसे समय में आया है जब राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उनका यह संदेश उन ताकतों के लिए भी एक जवाब है जो अलगाववाद और नफरत फैलाना चाहते हैं। यह दर्शाता है कि कश्मीरियत, धार्मिक सद्भाव और प्रेम पर आधारित है, न कि नफरत और विभाजन पर।

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अमरनाथ यात्रा को लेकर प्रशासन मुस्तैद

इस साल की अमरनाथ यात्रा को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उम्मीद है कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर पाएंगे और एक अविस्मरणीय अनुभव लेकर अपने घरों को लौटेंगे, ठीक वैसे ही जैसे फारूक अब्दुल्ला ने कामना की है। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था, विश्वास और इंसानियत का एक अनुपम संगम है।

तो, आप क्या सोचते हैं? क्या फारूक अब्दुल्ला का यह बयान अमरनाथ यात्रा के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाएगा और श्रद्धालुओं को और अधिक आकर्षित करेगा? हमें अपनी राय कमेंट करके ज़रूर बताएं!

Amarnath Yatra
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