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Hindi Diwas: हिंदी भारतीय भाषाओं की प्रतिद्वंदी नहीं, सखी ‌है- अमित शाह‌

गांधीनगर में 5वें राजभाषा सम्मेलन पर अमित शाह ने कहा कि हिंदी भारतीय भाषाओं की मित्र है, प्रतिस्पर्धी नहीं। गुजरात हिंदी और गुजराती के सहअस्तित्व का सर्वोत्तम उदाहरण है।

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Dhiraj Dhillon
Amit Shah in Gandhi Nagar
गांधीनगर, वाईबीएन न्यूज। 5वें राजभाषा सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस के अवसर पर कहा- मैं हमेशा कहता हूं कि हिंदी भारतीय भाषाओं की प्रतिद्वंद्वी नहीं है, बल्कि उनकी मित्र है। हिंदी और भारतीय भाषाओं के बीच कोई टकराव नहीं है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गुजरात है।

गुजरात हिंदी भाषी नहीं, लेकिन स्वीकार्यता पूरी

अमित शाह ने आगे कहा कि गुजरात हिंदी भाषी राज्य नहीं है, यहां की मातृभाषा गुजराती है। लेकिन आरंभ से ही स्वामी दयानंद सरस्वती, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, के.एम. मुंशी और अनेक विद्वानों ने हिंदी को स्वीकार किया और उसे प्रोत्साहित किया। नतीजतन गुजरात इस बात का उत्तम उदाहरण बना कि कैसे हिंदी और गुजराती दोनों भाषाओं का विकास सहअस्तित्व के माध्यम से संभव हुआ।

गृह मंत्री ने बताई “सारथी” की सार्थकता 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- हिंदी केवल बोलचाल या प्रशासन की भाषा भर नहीं होनी चाहिए। हिंदी को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, न्यायपालिका और पुलिस की भी भाषा बनना चाहिए। जब ये सब भारतीय भाषाओं में होंगे तो लोगों से सीधा जुड़ाव अपने आप बढ़ेगा। अमित शाह ने कहा- यहां ‘सारथी’ का उल्लेख हुआ। आखिर ‘सारथी’ क्या है? यह एक ट्रांसलेशन ऐप है, जो हिंदी से भारत की अन्य भाषाओं में आसानी से अनुवाद करता है। मैं गर्व से देश के सभी राज्यों और मुख्यमंत्रियों से कहना चाहता हूं कि आप मुझे अपनी भाषा में लिखें, गृह मंत्रालय आपको उसी भाषा में जवाब देगा। यह व्यवस्था हमारे पास मौजूद है। चाहे पत्र तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगाली, पंजाबी या मराठी में हो, ‘सारथी’ उस पत्र का अनुवाद कर देगा। मेरे हिंदी जवाब का भी अनुवाद उसी भाषा में हो जाएगा। आने वाले समय में इस सॉफ्टवेयर को और भी प्रशिक्षित कर इसे बेहतर बनाते रहेंगे।
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Hindi Diwas | amit shah
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