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“नाम बताने में क्या दिक्कत है?” – कांवड़ियों की पहचान पर सांसद अरुण गोविल का बड़ा बयान | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर एक नया नियम लागू किया है - कांवड़ियों को अपनी नाम प्लेट लगानी होगी। इस फैसले ने न केवल कांवड़ियों के बीच, बल्कि राजनैतिक गलियारों में भी एक नई बहस छेड़ दी है।
आज गुरूवार 10 जुलाई 2025 को बीजेपी सांसद और प्रसिद्ध अभिनेता अरुण गोविल ने कहा है कि "किसी को अपना नाम और अन्य विवरण बताने में क्या समस्या होनी चाहिए? कांवड़ यात्रा एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसे विशिष्ट नियमों और मानदंडों के अनुसार ही किया जाना चाहिए. यह हमारा अधिकार है कि हम जान सकें कि कोई कहां जा सकता है।"
सरकार का कदम: सुरक्षा या निगरानी?
उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय कई लोगों को सुरक्षा कारणों से उठाया गया एक आवश्यक कदम लग रहा है। प्रशासन का तर्क है कि इससे यात्रा के दौरान किसी भी अप्रिय घटना या आपात स्थिति में व्यक्तियों की पहचान करना आसान होगा। इसके अलावा, यह असामाजिक तत्वों को यात्रा में घुसपैठ करने से रोकने में भी मदद कर सकता है। लेकिन, कुछ लोग इसे निगरानी और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के हनन के तौर पर भी देख रहे हैं। उनका मानना है कि यह नियम भक्तों की धार्मिक यात्रा पर अनावश्यक पाबंदियां लगा रहा है।
अरुण गोविल का बयान: समर्थन या स्पष्टीकरण?
अरुण गोविल का बयान सरकार के इस नियम का स्पष्ट समर्थन करता प्रतीत होता है। उनका कहना है कि धार्मिक अनुष्ठानों को नियमों और मानदंडों के अनुसार ही किया जाना चाहिए। यह दर्शाता है कि वे कांवड़ यात्रा की पवित्रता और उसके व्यवस्थित संचालन को लेकर चिंतित हैं। उनके अनुसार, जब कोई सार्वजनिक स्थान पर किसी धार्मिक गतिविधि में भाग लेता है, तो उसकी पहचान स्पष्ट होनी चाहिए। यह तर्क देता है कि यह जानने का अधिकार है कि कौन यात्रा में शामिल है, खासकर जब सुरक्षा और व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा हो।
#WATCH | Hapur, UP | Over UP govt's name plate rule on Kanwar Yatra route, BJP MP Arun Govil says, "What problem should anyone have in telling their name and giving other details? The Kanwar Yatra is a religious ritual that must be performed according to specific rules and norms.… pic.twitter.com/t2b85HVGi8
— ANI (@ANI) July 10, 2025
सुरक्षा बनाम निजता: क्या सुरक्षा के नाम पर व्यक्तिगत जानकारी साझा करना अनिवार्य करना निजता के अधिकार का उल्लंघन है?
धार्मिक स्वतंत्रता: क्या यह नियम धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाता है, या यह केवल यात्रा को अधिक सुरक्षित बनाने का एक प्रयास है?
व्यवस्थित यात्रा: क्या नाम प्लेट का नियम वास्तव में यात्रा को अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित बना पाएगा?
कांवड़ यात्रा: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
कांवड़ यात्रा सदियों से चली आ रही एक परंपरा है, जिसमें भक्त गंगा नदी से पवित्र जल लेकर भगवान शिव को अर्पित करने के लिए पैदल यात्रा करते हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि सामाजिक सद्भाव और भाईचारे का भी प्रतीक है। लाखों लोग, बिना किसी पहचान के, एक साझा आस्था के धागे से बंधे इस यात्रा में शामिल होते रहे हैं। ऐसे में, एक नया नियम लागू करना, भले ही उसके पीछे सुरक्षा का तर्क हो, कई लोगों के लिए एक भावनात्मक मुद्दा बन गया है।
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