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PAWAN SINGH Photograph: (X.com)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भोजपुरी सुपरस्टार और गायक पवन सिंह ने राजनीति में एंट्री की अटकलों पर विराम लगा दिया है। अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट के जरिए उन्होंने साफ किया है कि वे चुनाव लड़ने के लिए पार्टी जॉइन नहीं किए हैं और न ही उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव लड़ना है। यह ऐलान उन सभी कयासों पर पूर्ण विराम लगाता है, जिनमें उनके चुनावी मैदान में उतरने की खबरें थीं। भोजपुरी सिनेमा के 'पावर स्टार' पवन सिंह के राजनीतिक भविष्य को लेकर लंबे समय से चली आ रही चर्चाएं अब खत्म हो गई हैं।
शनिवार को उनके एक्स पूर्व में ट्विटर हैंडल से किया गया एक पोस्ट राजनीति के गलियारों से लेकर उनके करोड़ों भोजपुरी समाज के प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। इस पोस्ट में उन्होंने खुद को पार्टी का एक 'सच्चा सिपाही' बताते हुए स्पष्ट कर दिया कि विधानसभा चुनाव लड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है।
मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से बताना चाहता हूँ कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और नाहीं मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है |
— Pawan Singh (@PawanSingh909) October 11, 2025
मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूँ और रहूँगा। pic.twitter.com/reVNwocoav
क्या थी अटकलें?
पवन सिंह ने हाल ही में एक प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी, जिसके बाद यह लगभग तय माना जा रहा था कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में किसी सीट से उम्मीदवार होंगे। उनके गृह क्षेत्र आरा भोजपुर और आस-पास की सीटों पर उनकी उम्मीदवारी की खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही थीं।
यह अचानक लिया गया फैसला सिर्फ उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं पर ही सवाल नहीं उठाता, बल्कि पार्टी के अंदर की रणनीति की ओर भी इशारा करता है।
क्या यह फैसला पवन सिंह का व्यक्तिगत है, या इसके पीछे कोई बड़ा पार्टी प्लान काम कर रहा है?
'सिपाही' शब्द का गहरा मतलब पवन सिंह ने अपने पोस्ट में भावनात्मक लहजे का इस्तेमाल किया है। उन्होंने लिखा, "मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से बताना चाहता हूं कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और ना हीं मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा।"
यह बयान सिर्फ एक घोषणा नहीं है, बल्कि एक समर्पण भी है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि 'सिपाही' शब्द का इस्तेमाल करके उन्होंने पार्टी नेतृत्व को यह संदेश दिया है कि वह चुनाव लड़ने के बजाय स्टार प्रचारक के रूप में या संगठन के काम में अधिक रुचि रखते हैं। यह उनकी तात्कालिक योजनाओं से पीछे हटने को दर्शाता है, लेकिन राजनीतिक यात्रा को खत्म नहीं करता।
फैसले के पीछे छिपी रणनीति
इस एक्सक्लूसिव जानकारी के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण हो सकते हैं कला पर फोकस पवन सिंह वर्तमान में कई फिल्म प्रोजेक्ट्स और म्यूजिक एल्बम पर काम कर रहे हैं। चुनाव लड़ने से उनके करियर को कुछ महीनों का ब्रेक लेना पड़ सकता था।
स्टार प्रचारक की भूमिका
पार्टी शायद उन्हें एक क्षेत्रीय उम्मीदवार के बजाय एक मेगा स्टार प्रचारक के रूप में अधिक उपयोग करना चाहती है, जिससे बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर फायदा लिया जा सके।
राजनीतिक समय का इंतजार
संभव है कि वह आने वाले लोकसभा चुनाव या किसी अन्य बड़े अवसर के लिए अपनी राजनीतिक एंट्री को 'होल्ड' पर रख रहे हों। प्रशंसकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया पवन सिंह के इस बयान से उनके कुछ समर्थक निराश हैं जो उन्हें विधायक के रूप में देखना चाहते थे।
वहीं, बड़ी संख्या में फैंस इस बात से खुश हैं कि वह अपना पूरा ध्यान अब भोजपुरी मनोरंजन उद्योग पर देंगे। उनके इस फैसले को उनके करोड़ों फैंस की भावनाओं के साथ भावनात्मक जुड़ाव के रूप में देखा जा रहा है।
क्या होगा पवन सिंह का अगला कदम? पवन सिंह भले ही चुनावी रण से दूर हो गए हों, लेकिन उनकी राजनीतिक भागीदारी कम नहीं होगी। उम्मीद है कि वह अब पार्टी के लिए चुनावी रैलियों और प्रचार अभियानों में एक अहम भूमिका निभाएंगे।
यह कदम एक रणनीतिक ब्रेक है, न कि राजनीति से पूर्ण संन्यास। उनके अगले कदम पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
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