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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया और भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर तीखा हमला बोला। AIMIM चीफ ओवैसी ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों को अब दूसरे दर्जे का नागरिक भी नहीं माना जा रहा, बल्कि उनकी स्थिति ‘बंधकों’ जैसी हो गई है। यह बयान केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू की उस टिप्पणी के बाद आया, जिसमें उन्होंने X पर लिखा था कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों से अधिक सुविधाएं और सुरक्षा दी जाती हैं। रिजिजू की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए ओवैसी ने कहा कि अल्पसंख्यकों को मिलने वाले अधिकार कोई उपकार या खैरात नहीं हैं, बल्कि ये उनके संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या हमें रोज़ाना ‘पाकिस्तानी’, ‘बांग्लादेशी’, ‘जिहादी’ या ‘रोहिंग्या’ कहकर पुकारा जाना किसी सुविधा का हिस्सा है?
अल्पसंख्यक पलायन क्यों नहीं करते: रिजिजू
ओवैसी का जवाब देतु हुए किरेन रिजिजू ने लिखा, "फिर हमारे पड़ोसी देशों से अल्पसंख्यक भारत आना क्यों पसंद करते हैं और हमारे अल्पसंख्यक पलायन क्यों नहीं करते। पीएम मोदी की योजनाएं सभी के लिए हैं। अल्पसंख्यक मामलों की योजनाएं ज्यादा लाभ देते हैं।"
"क्या पाकिस्तानी कहलाना लाभ है?"- ओवैसी
रिजिजू के बयान का पलटवार करते ओवैसी ने पोस्ट करते हुए लिखा, "आप भारतीय गणराज्य के मंत्री हैं, राजा नहीं। किरेन रिजिजू आप संवैधानिक पद पर हैं, सिंहासन पर नहीं। अल्पसंख्यक अधिकार मौलिक अधिकार हैं, दान नहीं। क्या हर दिन पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, जिहादी या रोहिंग्या कहलाना “लाभ” है? क्या लिंच किया जाना “सुरक्षा” है? क्या यह सुरक्षा है कि भारतीय नागरिकों का अपहरण कर उन्हें बांग्लादेश में धकेल दिया गया? क्या हमारे घरों, मस्जिदों और मजारों को अवैध रूप से बुलडोजर से गिरते देखना एक विशेषाधिकार है? सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से अदृश्य बना दिया जाना? क्या भारत के प्रधानमंत्री से कम किसी और के नफरत भरे भाषणों का निशाना बनना “सम्मान” है?"
हम बंधक हैं- ओवैसी
ओवैसी ने आगे लिखा, "भारत के अल्पसंख्यक अब दूसरे दर्जे के नागरिक भी नहीं हैं। हम बंधक हैं। अगर आप “एहसान” के बारे में बात करना चाहते हैं, तो इसका जवाब दें- क्या मुसलमान हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड के सदस्य हो सकते हैं? नहीं। लेकिन आपका वक्फ संशोधन अधिनियम गैर-मुसलमानों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने के लिए मजबूर करता है - और उन्हें बहुमत बनाने की अनुमति देता है।"
शिक्षा में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी घटी- ओवैसी
ओवैसी ने आगे लिखा, "आपने मौलाना आजाद फेलोशिप और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति जैसी योजनाएं बंद कर दीं, पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप भी सीमित कर दी, क्योंकि इनसे मुस्लिम छात्रों को लाभ मिल रहा था" ओवैसी ने कहा कि आज मुसलमान अकेला समुदाय है जिसकी हिस्सेदारी उच्च शिक्षा में घटी है और जो आर्थिक नीतियों से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। अनौपचारिक क्षेत्र में उनकी मौजूदगी बढ़ी है और जीवन स्तर पिछली पीढ़ियों से भी गिरा है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहुल इलाकों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है। हम न तो विशेष रियायतें मांग रहे हैं, न तुलना कर रहे हैं, हम सिर्फ़ संविधान में मिले सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की मांग कर रहे हैं।
You are a Minister of the Indian Republic, not a monarch. @KirenRijiju You hold a constitutional post, not a throne. Minority rights are fundamental rights, not charity.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 7, 2025
Is it a “benefit” to be called Pakistani, Bangladeshi, jihadi, or Rohingya every single day? Is it… https://t.co/G1dgmvj6Gl
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