नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । दिल्ली में 'एंड-ऑफ-लाइफ' वाहनों को ईंधन न दिए जाने के दिल्ली सरकार के आदेश पर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) पर दिल्ली की हवा को जहरीला बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों के कारण है, और AAP सरकार इसे रोकने में विफल रही। यह मामला एक बार फिर दिल्ली प्रदूषण और वाहन स्क्रैप नीति पर बहस को गरमा रहा है।
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "दिल्ली में AAP नाम की एक बीमारी थी।" उनके इस बयान ने सीधे तौर पर दिल्ली सरकार की नीतियों और उनकी प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका दावा है कि NGT के आदेशों के खिलाफ AAP सरकार प्रभावी ढंग से बचाव नहीं कर पाई, जिसके कारण अब पुराने वाहनों को ईंधन न देने जैसी सख्त पाबंदियां लगानी पड़ रही हैं।
NGT के आदेश और दिल्ली का 'अनोखा' संकट
सिरसा ने इस बात पर जोर दिया कि मुंबई, कोलकाता, चेन्नई या बेंगलुरु जैसे किसी भी अन्य राज्य की राजधानी में ऐसी सख्त शर्तें नहीं लगाई गईं, जो अब दिल्ली में देखने को मिल रही हैं। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ दिल्ली में है, जो अरविंद केजरीवाल की AAP के कारण है, वे वायु प्रदूषण की जांच नहीं कर सके।" यह बयान दिल्ली की वायु गुणवत्ता की बिगड़ती स्थिति और सरकार की कथित अक्षमता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।
10 साल पुराने डीजल वाहन: NGT के आदेशानुसार, दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध है।
'नो फ्यूल' नीति: इसी आदेश के तहत अब इन 'एंड-ऑफ-लाइफ' वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं मिलेगा।
प्रदूषण नियंत्रण में विफलता? सिरसा का कहना है कि AAP सरकार प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को लागू करने में पूरी तरह विफल रही है।
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