Advertisment

शाह और सोरेन के झगड़े में फंसे DGP, ठसक बरकरार पर बगैर तनख्वाह के

गुप्ता को मई के लिए प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल के कार्यालय से शून्य-वेतन पर्ची जारी की गई। यानि महकमा उन्हें आधिकारिक रूप से सेवानिवृत्त मानता है। उनका वेतन जारी नहीं हो पा रहा है।

author-image
Shailendra Gautam
CM HEMANT SOREN, JHARKHAND NEWS

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः  झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता खुद को नौकरशाही के दलदल में फंसा पा रहे हैं। केंद्र के अनुसार वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन राज्य की नजर में अभी भी सेवा कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय और हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के बीच एक अजीबोगरीब रस्साकशी में अनुराग गुप्ता का करियर अपने अंतिम चरण में एक अनोखी उलझन में फंस गया है। आईपीएस कैडर पोस्टिंग को नियंत्रित करने वाले एमएचए ने गुप्ता के कार्यकाल को उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख 30 अप्रैल, 2025 से आगे बढ़ाने के राज्य के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था। गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार को तीन रिमाइंडर भेजे थे कि अनुराग को तुरंत बाहर का रास्ता दिखाया जाए पर हेमंत सोरेन हैं कि मान नहीं रहे। अमित शाह के फरमान को नजरअंदाज करते हुए होमंत सोरेन ने अनुराग गुप्ता को पद पर बनाए रखा है।

Advertisment

प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल ने दी शून्य-वेतन की स्लिप 

अब इसका नतीजा सामने आ रहा है। गुप्ता को मई के लिए प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल के कार्यालय से शून्य-वेतन पर्ची जारी की गई। यानि महकमा उन्हें आधिकारिक रूप से सेवानिवृत्त मानता है। उनका वेतन जारी नहीं हो पा रहा है। दूसरी तरफ राज्य सरकार अपने कदम को सही ठहराने के लिए संघर्ष करती दिख रही है। सही मायनों में वो फंसी हुई दिखाई दे रही है। एमएचए का कहना है कि अब बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि सेवानिवृत्ति के बाद लिए गए अनुराग गुप्ता के सभी निर्णयों की कानूनी वैधता तय की जाए। यानि रिटायर होने के बाद उन्होंने जो फैसले लिए उन्हें शून्य माना जाए। शह-मात के खेल में सभी की निगाहें सोरेन सरकार पर टिकी हैं कि वह इस प्रशासनिक उहापोह से कैसे निपटती है। सवाल ये भी है कि क्या अनुराग गुप्ता जो आधिकारिक तौर पर सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनके पास कोई वैधानिक अधिकार बचे हैं या नहीं, क्योंकि वो अभी भी सक्रिय हैं। ठसक से डीजीपी की कुर्सी पर बैठे हैं और फैसले ले रहे हैं।

रिटायर हो गए थे अनुराग, कैबिनेट ने दिया था दो साल का एक्सटेंशन

Advertisment

केंद्र सरकार ने झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के सेवानिवृत्त होने को लेकर राज्य सरकार को पत्र भेजकर जानकारी दी थी कि 30 अप्रैल तक ही अनुराग गुप्ता झारखंड डीजीपी के तौर पर सेवा दे पाएंगे। लेकिन झारखंड सरकार ने इसे खारिज करते हुए अनुराग गुप्ता को झारखंड डीजीपी के तौर पर कार्य करने की अनुमति दी। साथ ही साथ राज्य सरकार के ओर से केंद्र सरकार को चिठ्ठी लिखी गई, जिसमें बताया गया कि डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति कानूनी तरीके से 2 साल के लिए की गई है और यह फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। वहीं, डीजीपी की नियुक्ति को लेकर एक मामला कोर्ट में भी चल रहा है, जिसमें आदेश आना बाकी है। 

hemant soren, dgp jharkhand, anurag gupta, amit shah, trending news | trending | jharkhand news

trending jharkhand news trending news
Advertisment
Advertisment