Advertisment

Explainer : तेजस्वी के CM फेस पर 'ग्रहण', धर्म संकट में फंसी कांग्रेस! क्या होगा फैसला?

IRCTC घोटाले में तेजस्वी यादव के आरोपी बनने से महागठबंधन का सीएम चेहरा संकट में है! कोर्ट के फैसले ने कांग्रेस को शुचिता की राजनीति पर सोचने को मजबूर किया। जनसुराज और NDA को बड़ा चुनावी हथियार मिल गया है। क्या तेजस्वी का सीएम फेस का सपना टूटेगा?

author-image
Ajit Kumar Pandey
Explainer : तेजस्वी के CM फेस पर 'ग्रहण', धर्म संकट में फंसी कांग्रेस में मंथन | यंग भारत न्यूज

Explainer : तेजस्वी के CM फेस पर 'ग्रहण', धर्म संकट में फंसी कांग्रेस! क्या होगा फैसला?| यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । IRCTC घोटाले में तेजस्वी यादव के आरोपी बनने से बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा प्रथम दृष्टया आरोपों को स्वीकार किए जाने के बाद, महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल, भ्रष्टाचार के आरोपी नेता के नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहेंगे? इस झटके से बिहार में जनसुराज पार्टी और NDA को बड़ा चुनावी हथियार मिल गया है। 

बिहार की राजनीति में युवा तुर्क के रूप में उभरे राष्ट्रीय जनता दल RJD के सबसे बड़े नेता तेजस्वी यादव इन दिनों एक बड़ी राजनीतिक और कानूनी उलझन में फंस गए हैं। यह उलझन है IRCTC घोटाला, जिसमें अब केवल उनके पिता लालू प्रसाद यादव और माता राबड़ी देवी ही नहीं, बल्कि स्वयं तेजस्वी यादव भी आरोपी बन गए हैं। 

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रथम दृष्टया जांच एजेंसी के उन आरोपों को स्वीकार कर लिया है, जिनमें कहा गया है कि यह पूरी साजिश लालू यादव की जानकारी में रची गई थी और तेजस्वी भी इसमें शामिल थे। यह फैसला ऐसे समय आया है, जब महागठबंधन में तेजस्वी को ही मुख्यमंत्री पद का स्वाभाविक उम्मीदवार माना जा रहा था। पूरे बिहार में महागठबंधन का चुनाव प्रचार उन्हीं के चेहरे के इर्द-गिर्द सिमटा रहा है। कोर्ट के इस कदम ने न सिर्फ राजद बल्कि पूरे गठबंधन के चुनावी समीकरणों पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। 

कांग्रेस के लिए 'धर्मसंकट' शुचिता की राजनीति या गठबंधन धर्म? 

कोर्ट के इस फैसले ने कांग्रेस के लिए एक बड़ी असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। अब तक कांग्रेस सीटों के मोलभाव के कारण तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने से बच रही थी, ताकि वह गठबंधन में ज्यादा सीटें हासिल कर सके। लेकिन अब मामला मोलभाव से कहीं आगे निकल गया है- यह राजनीतिक शुचिता का सवाल बन गया है। क्या कांग्रेस पार्टी एक घोटाले के आरोपी के नेतृत्व में चुनाव में उतरना चाहेगी, विशेषकर जब राहुल गांधी लगातार शुचिता की राजनीति और भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात करते रहे हैं। 

Advertisment

यह निश्चित है कि विपक्षी दल जनसुराज और एनडीए इस मुद्दे को हाथोंहाथ लेंगे और राहुल गांधी की नैतिकता पर सवाल खड़े करेगें। क्या कांग्रेस अपने सिद्धांतों से समझौता कर एक ऐसे नेता का समर्थन करेगी जिस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं? इस सवाल का जवाब ही बिहार में महागठबंधन का भविष्य तय करेगा। 

इतिहास गवाह है भ्रष्टाचार की कीमत चुकाते नेता 

भारत की राजनीति में भ्रष्टाचार हमेशा से एक ऐसा मुद्दा रहा है, जो बड़े से बड़े नेताओं और दलों पर भारी पड़ा है। हालिया उदाहरण आम आदमी पार्टी AAP के नेता अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे, जिसके बाद उनकी पार्टी को चुनाव में बड़ा झटका लगा। अन्य उदाहरण पूर्व में ओम प्रकाश चौटाला से लेकर राजीव गांधी तक, कई बड़े राजनीतिक हस्तियों को भ्रष्टाचार के आरोपों की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। 

भले ही लालू यादव भ्रष्टाचार के आरोपों और जेल जाने के बाद भी अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखने में सफल रहे हों, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। इस बार स्वयं उनके बेटे और महागठबंधन के सबसे बड़े युवा चेहरे तेजस्वी यादव पर लगे आरोप हैं, जिसका सीधा असर युवा वोटरों और शहरी मतदाताओं पर पड़ना तय है। राजद और महागठबंधन को इस बार इसकी बड़ी चुनावी कीमत चुकानी पड़ सकती है। 

Advertisment

'भ्रष्टाचार बनाम विकास' 

NDA का नया चुनावी नारा कोर्ट के फैसले के बाद NDA नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस को एक जबरदस्त चुनावी हथियार मिल गया है। भाजपा और लोजपा रामविलास, दोनों ने ही महागठबंधन पर हमला तेज कर दिया है। 

भाजपा का तीखा वार: भाजपा प्रवक्ता एसएन सिंह ने कहा कि "महागठबंधन का पूरा कुनबा घोटाले का शिकार है।" उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव दोनों को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरते हुए कहा कि अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि राजद का सबसे बड़ा नेता भी घोटाले में फंसा हुआ है। एसएन सिंह ने सवाल किया, "क्या महागठबंधन के दूसरे नेता, घोटाले के आरोपियों के नेतृत्व में चलने के लिए तैयार हैं?" उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता इस 'भ्रष्टाचार बनाम विकास' के अंतर को समझ रही है। एसएन सिंह के मुख्य आरोप लालू परिवार और गांधी परिवार केवल अपने बेटे-बेटियों के लिए अथाह धन अर्जित करने में विश्वास रखते हैं। 

लोजपा रामविलास का स्पष्टीकरण: लोजपा रामविलास नेता मणिशंकर पांडेय ने इस चुनाव को "भ्रष्टाचार बनाम विकास की लड़ाई" करार दिया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार विकास के प्रतीक हैं, तो दूसरी ओर राहुल गांधी से लेकर लालू और तेजस्वी यादव तक भ्रष्टाचार के प्रतीक बन चुके हैं। जनता के सामने विकल्प एकदम स्पष्ट है। 

Advertisment
Explainer : तेजस्वी के CM फेस पर 'ग्रहण', धर्म संकट में फंसी कांग्रेस में मंथन | यंग भारत न्यूज
Explainer : तेजस्वी के CM फेस पर 'ग्रहण', धर्म संकट में फंसी कांग्रेस! क्या होगा फैसला? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

क्या तेजस्वी की जगह कोई और? 

कोर्ट के फैसले ने महागठबंधन के भीतर एक नई बहस छेड़ दी है। क्या महागठबंधन तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के चेहरे से हटाकर किसी अन्य विश्वसनीय और निर्विवाद नेता को आगे करेगा? यह एक संवेदनशील मुद्दा है, क्योंकि ऐसा कोई भी कदम राजद के भीतर बड़ा असंतोष पैदा कर सकता है। 

फिलहाल, महागठबंधन के पास अपने नेता को बचाने और भाजपा के हमलों का जवाब देने की दोहरी चुनौती है। उन्हें जनता को यह विश्वास दिलाना होगा कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और न्यायालय पर उनका भरोसा है। लेकिन, जब तक तेजस्वी यादव कानूनी रूप से पाक-साफ नहीं होते, तब तक मुख्यमंत्री पद के उनके सपने पर 'ग्रहण' लगा रहेगा और इसका सीधा चुनावी लाभ NDA को मिलना तय है। 

यह मामला सिर्फ एक कानूनी लड़ाई नहीं है, यह बिहार की सत्ता की लड़ाई का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। आने वाले दिन बताएंगे कि महागठबंधन इस राजनीतिक 'अग्निपरीक्षा' से कैसे निपटता है। 

IRCTC Scam | Tejaswi Yadav Charges | bihar election 2025 | Lalu Family Probe | Jan Suraj and BJP

Jan Suraj and BJP Lalu Family Probe bihar election 2025 Tejaswi Yadav Charges IRCTC Scam
Advertisment
Advertisment