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FAROOQ ABDULAH Photograph: (Google)
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। देश में बदलते सामाजिक और राजनीतिक माहौल के बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत इस समय एक “कठिन दौर” से गुजर रहा है और मुस्लिम समुदाय में भय का माहौल है। हालांकि, उन्होंने भरोसा जताया कि भारत अपनी धर्मनिरपेक्ष पहचान कभी नहीं खोएगा। वे दिल्ली में ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान पर आधारित किताब "द लायन ऑफ नौशेरा" के विमोचन समारोह में बोल रहे थे। यह किताब वरिष्ठ पत्रकार जिया-उस-सलाम और आनंद मिश्रा ने लिखी है।
समाज का बड़ा हिस्सा साम्प्रदायिक नहीं
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारतीय समाज का बड़ा हिस्सा साम्प्रदायिक नहीं है, लेकिन मौजूदा माहौल में वह दबा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि देश के विभाजन के समय उनके पूर्वजों ने पाकिस्तान जाने के बजाय भारत में रहने का निर्णय लिया था।
मिलकर किया पाकिस्तानी हमलावरों का सामना
अब्दुल्ला ने बताया कि मोहम्मद अली जिन्ना कश्मीर को पाकिस्तान में शामिल करना चाहते थे, लेकिन शेख अब्दुल्ला ने महात्मा गांधी के भारत को चुना। 1947-48 में जब पाकिस्तानी हमलावर आए, तो कश्मीर के हिंदू, मुस्लिम और सिख समुदाय ने मिलकर उनका मुकाबला किया।
जम्मू-कश्मीर में सत्ता उपराज्यपाल के पास क्यों?
पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि चुनी हुई सरकार के बावजूद जम्मू-कश्मीर में असली सत्ता उपराज्यपाल के हाथों में क्यों है। उन्होंने उपराज्यपाल को दिल्ली का "वायसराय" तक कह दिया।
पाकिस्तान ठुकराया, युवाओं को बताने की जरूरत
Farooq Abdullah ने कहा कि विभाजन के समय उनके पिता शेख अब्दुल्ला ने जिन्ना को साफ जवाब दिया था कि पाकिस्तान उनका चुनाव नहीं है। भारत महात्मा गांधी का राष्ट्र है, जहां सभी धर्मों के लोग साथ रह सकते हैं। उन्होंने आज के दौर में बढ़ते अविश्वास पर चिंता जताई और कहा कि जो लोग कहते हैं कि "मुसलमानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता", उन्हें इतिहास की सच्चाई बतानी चाहिए।
ब्रिगेडियर उस्मान का जीवन धर्मनिरपेक्ष भारत की मिसाल
समारोह में मौजूद पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी, जो ब्रिगेडियर उस्मान के रिश्तेदार हैं, ने कहा कि 1948 के युद्ध में उनकी शहादत इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि उस्मान ने विभाजन के समय भारत में रहना चुना और उनका जीवन उस भारत की याद दिलाता है जिसे हमने खो दिया है।
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