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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बना INDIA bloc लगभग दम तोड़ने के कगार पर आ गया था। लेकिन एक मसले ने इसमें फिर से जान फूंक दी है। इसकी वजह से ब्लाक के नेता फिर से एक टेबल पर बैठने को तैयार हो गए हैं। अरसे बाद 16 दल एक प्लेटफार्म पर दिखे। विशेष सत्र की मांग के लिए जो दल एक साथ आए उनमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, DMK, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), RJD, नेशनल कॉन्फ्रेंस, IUML, वाम दल, RSP, झारखंड मुक्ति मोर्चा, VCK, केरल कांग्रेस, MDMK शामिल हुईं। ब्लाक का गठन 2024 के चुनाव में एनडीए को हराने के उद्देश्य से किया गया था। 23 जून 2023 को पटना में आयोजित पहली विपक्षी दलों की बैठक की अध्यक्षता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी। तब एक नए गठबंधन का प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि बाद में नीतीश खुद बाहर चले गए। india parliament | Indian Parliament | 2025 Indian politics
संसद के विशेष सत्र की मांग ने ब्लाक को किया एकजुट
दरअसल, इस सप्ताह मोदी सरकार ने 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने वाले संसद के मानसून सत्र की घोषणा की। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए 17 से अधिक विपक्षी पार्टियां विशेष संसद सत्र की मांग कर रही थीं जिसको सरकार ने खारिज कर दिया गया। विशेष सत्र की मांग को लेकर इंडिया ब्लॉक से जुड़ी पार्टियों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। शुरू में धारणा यह थी कि केवल कांग्रेस सांसदों ने ही पत्र भेजा था। हालांकि, पार्टी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आग्रह पर इंडिया ब्लॉक के सहयोगियों को शामिल करने का फैसला किया।
अलग राग अलापने वाली टीएमसी भी साथ आई
राहुल की इस पहल का व्यापक असर दिखा है। टीएमसी हमेशा इंडिया ब्लॉक में अपने घटकों से अलग लाइन पर चलती थी। राहुल गांधी ने अहं को दरकिनार कर व्यक्तिगत रूप से टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी से संपर्क साधा तो वो सहमत हो गई। राहुल ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव, डीएमके के टीआर बालू और शिवसेना (यूबीटी) के आदित्य ठाकरे से संपर्क किया। सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने तेजी से काम किया, जिससे इंडिया के घटक एक मंच पर फिर से दिखे। राहुल के निर्देश पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई ने मुख्य विपक्षी दलों के साथ संपर्क बनाए रखा। तमिलनाडु के सांसद मनिकम टैगोर ने डीएमके और राज्य के अन्य दलों के साथ समन्वय किया। केरल के सांसद सुरेश कोडिकुन्निल ने वाम दलों और अन्य दलों से संपर्क किया।
केजरीवाल और शरद पवार को राजी नहीं कर सकी कांग्रेस
बिहार के सांसद मोहम्मद जावेद ने आप से बातचीत की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले का कहना है कि वह पत्र पर हस्ताक्षर नहीं कर सकीं, क्योंकि वह बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ थीं। कांग्रेस ने उनके दावों को खारिज कर दिया। एक नेता ने कहा कि शरद पवार इस पर हस्ताक्षर कर सकते थे।
क्यों उठ रही है संसद के विशेष सत्र की मांग
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने 31 मई को सिंगापुर में पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भारतीय फाइटर जेट गिरने के दावों पर ब्लूमबर्ग से बात की थी। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X में चौहान का इंटरव्यू क्लिप शेयर करते हुए लिखा- इस बयान में यह माना गया कि हमें फाइटर जेट का नुकसान हुआ है। फिर मोदी सरकार इस बात को क्यों छिपा रही है। इस तरह के कई सवालों के जवाब के लिए विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी से कई सवाल किए। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों को स्पष्ट करने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सशस्त्र बलों की वीरता का व्यक्तिगत श्रेय ले रहे हैं।
ममता बनर्जी ने भी एक्स पर दिखाए तेवर
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का सवाल है कि प्रधानमंत्री को बताना होगा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म करने की शर्तें क्या थीं। क्या भारत और पाकिस्तान अब फिर से एक हो गए हैं। सीजफायर एग्रीमेंट की शर्तें क्या हैं। 140 करोड़ देशभक्त भारतीयों को यह जानने का हक है। ममता बनर्जी ने भी केंद्र से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उन्होंने पोस्ट में कहा कि मैं भारतीय डेलिगेशन के वापस लौटने के बाद केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपील करती हूं, क्योंकि मेरा माननाहै कि देश के लोगों को हाल के संघर्ष और घटनाक्रम के बारे में किसी और से पहले जानकारी पाने का सबसे बड़ा अधिकार है।
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