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'किसी के दबाव में नहीं आएगा India' : शशि थरूर के इस बयान की क्यों हो रही है चर्चा?

डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे भारत-अमेरिका व्यापार के लिए खतरनाक बताया है और जवाबी कार्रवाई की मांग की है। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा कैसे करेगा, यह एक बड़ा सवाल है?

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Ajit Kumar Pandey
'किसी के दबाव में नहीं आएगा India' : शशि थरूर के इस बयान की क्यों हो रही है चर्चा? | यंग भारत न्यूज

'किसी के दबाव में नहीं आएगा India' : शशि थरूर के इस बयान की क्यों हो रही है चर्चा? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज गुरूवार 7 अगस्त 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर पर 25% अतिरिक्त टैरिफ का एलान कर दिया है साथ ही यह भी कहा है कि 27 अगस्त को इसको बढ़ाकर 50% करेगा। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने साफ कहा है कि इस तरह की धमकी का भारत पर गहरा असर होगा। क्योंकि, भारत का अमेरिका के साथ सालाना व्यापार करीब $90 बिलियन का है। अगर भारतीय सामान महंगा होता है, तो अमेरिकी खरीदार भारत से सामान खरीदने से कतराएंगे। इसका सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।

आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब अमेरिका ने भारत को रूस के साथ व्यापार पर दबाव डाला है। यूक्रेन युद्ध के बाद से ही अमेरिका लगातार भारत को रूस से दूर रहने की सलाह देता रहा है। लेकिन भारत ने हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी है। भारत के लिए रूस से सस्ता तेल खरीदना न सिर्फ आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि यह उसकी ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रंप के दबाव में भारत अपनी ऊर्जा नीति बदलेगा?

शशि थरूर का मानना है कि भारत को झुकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर वे ऐसा करते हैं, तो हमें भी अमेरिकी निर्यात पर 50% टैरिफ लगाना चाहिए।" यह एक साहसिक बयान है जो दिखाता है कि भारत अब किसी भी देश के दबाव में आने को तैयार नहीं है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां भारत को अपनी संप्रभुता और आर्थिक हितों की रक्षा करनी होगी।

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भारत और रूस का रिश्ता: एक गहरा इतिहास

भारत और रूस का रिश्ता दशकों पुराना है। यह सिर्फ तेल खरीदने-बेचने का रिश्ता नहीं है, बल्कि यह रणनीतिक, रक्षा और कूटनीतिक सहयोग का भी रिश्ता है। रूस ने हमेशा भारत का साथ दिया है। 1971 के भारत-पाक युद्ध से लेकर आज तक, रूस भारत का एक विश्वसनीय साथी रहा है।

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शशि थरूर के अनुसार, भारत को इस चुनौती का सामना डटकर करना चाहिए। "कोई भी देश हमें ऐसे धमकी नहीं दे सकता।" यह भावना न केवल कांग्रेस सांसद की है, बल्कि यह पूरे भारत की है। भारत अब एक मजबूत आर्थिक और सैन्य शक्ति बन चुका है, और वह किसी भी दबाव में आने वाला नहीं है।

Shashi Tharoor Statement | India Foreign Policy | Political Debate 2025 | India Stands Strong | No Pressure On India

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