बेंगलुरु, वाईबीएन डेस्क। कर्नाटक के कांग्रेस प्रभारी और पार्टी सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला, ने ओडिशा की विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा में मची भगदड़ में मौत की घटना पर मतृकों के प्रति हार्दिक श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में वीआईपी सिंड्रोम खत्म होना चाहिए। साथ ही कहा कि भगदड़ के लिए अब तक किसी की भी जवाबदेही तय नहीं की गई है।
वीआइपी के कारण प्रवेश अवरुद्ध था
मीडिया के सवालों के जवाब देते हुआ कहा कि "सबसे पहले मैं पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में अपने प्रियजनों को खोने वाले हर श्रद्धालु के परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं...। उन्होंने कहा, मीडिया में कई तथ्य सामने आए हैं। ऐसा लगता है कि वीआईपी प्रवेश के कारण प्रवेश अवरुद्ध था।
सार्वजनिक कार्यक्रमों में यह वीआईपी सिंड्रोम कब समाप्त होगा?... भाजपा को बेंगलुरु की भगदड़ के बारे में पूछना चाहिए और हमसे जवाबदेही तय करने के बारे में पूछना चाहिए, जो हमने किया है। हम इसका स्वागत करते हैं। हर जीवन महत्वपूर्ण है, चाहे वह ओडिशा में हो या महाराष्ट्र के ठाणे में, जहां इसी तरह से लोग मारे गए हैं या बेंगलुरु में। लेकिन यह आपकी त्रासदी बनाम मेरी त्रासदी सिंड्रोम नहीं हो सकता...
त्रासदियों से सबक सीखें
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मैंने आज सुझाव दिया है कि हमें 3 त्रासदियों से सबक सीखना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि ऐसी कोई त्रासदी कभी न हो। पहला कदम एक राज्य भीड़ सुरक्षा टास्क फोर्स का गठन करना है। हर राज्य में एक SCSTF होना चाहिए, और भारत सरकार को इस तरह के टास्क फोर्स के गठन की लागत का 50% योगदान देना चाहिए।
कर्नाटक सरकार बनाएगी टास्क फोर्स
उन्होंने सुझाव दिया कि टास्क फोर्स में निम्नलिखित सदस्य शामिल होने चाहिए पुलिस, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, स्थानीय निकाय, आयोजक... ये कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें मैंने कर्नाटक के सीएम और कर्नाटक सरकार के समक्ष उठाने का प्रस्ताव रखा है। भारत सरकार, पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अब पुरी रथ यात्रा की त्रासदी के बाद ध्यान देना चाहिए और इन प्रोटोकॉल को लागू करना चाहिए और भीड़ प्रबंधन के लिए राज्य स्तरीय टास्क फोर्स के लिए हर राज्य के लिए वित्तीय प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए...:।"