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KCR ने बेटी को पार्टी से निकाला : पिता-पुत्री के रिश्ते में दरार | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । तेलंगाना की राजनीति में एक बड़ा भूचाल आ गया है। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने अपनी ही बेटी और एमएलसी के. कविता को पार्टी से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में की गई है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कविता ने अपने ही चाचा हरीश राव और भाई संतोष कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे। राजनीति में परिवारिक रिश्ते अक्सर एक तरफ हो जाते हैं और इस मामले में भी ऐसा ही होता दिख रहा है। सोमवार को के. कविता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने ही चचेरे भाई हरीश राव, पूर्व सांसद संतोष कुमार और राज्यसभा सदस्य मेघा कृष्ण रेड्डी पर तीखे हमले किए थे।
कविता ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए काम किया, जिससे उनके पिता केसीआर की छवि खराब हुई और उन्हें सीबीआई जांच का सामना करना पड़ा। कविता का यह बयान मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा कालेश्वरम परियोजना की कथित अनियमितताओं की जांच सीबीआई को सौंपने की घोषणा के कुछ घंटों बाद आया था।
कविता ने खुलकर कहा कि जब केसीआर जनता के लिए सोच रहे थे, तब उनके आसपास के लोगों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर बड़े-बड़े सौदे किए। उन्होंने तो यहां तक कहा कि उन्हीं लोगों की वजह से रेवंत रेड्डी जैसे व्यक्ति को केसीआर के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू करने का मौका मिला।
बीआरएस में अंदरूनी कलह: क्या है असली कहानी?
केसीआर का यह फैसला अचानक नहीं हुआ। बीते कुछ समय से बीआरएस के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। सूत्रों के अनुसार पार्टी के कुछ नेता मानते हैं कि विधानसभा चुनावों में हार के बाद से ही बीआरएस में गुटबाजी बढ़ गई थी।
के. कविता का आरोप है कि हरीश राव और संतोष कुमार ने पार्टी के भीतर उनके खिलाफ लगातार साजिशें कीं, जिन्हें उन्होंने लंबे समय तक सहा। उन्होंने कहा, "केसीआर की बेटी होने के नाते, मुझे दुख होता है कि मेरे पिता को इन लोगों की वजह से सीबीआई जांच का सामना करना पड़ा।"
बीआरएस के लिए आगे की राह कितनी मुश्किल?
इस घटना ने बीआरएस की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। एक तरफ जहां पार्टी को पहले से ही तेलंगाना में विपक्ष की भूमिका निभानी पड़ रही है, वहीं अब यह पारिवारिक लड़ाई सार्वजनिक हो गई है।
पार्टी के महासचिव टी. अरविंद राव और सोमु भारत कुमार ने एक बयान में कहा कि बीआरएस नेतृत्व ने कविता के कामों और उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों को गंभीरता से लिया है। इस फैसले से साफ है कि केसीआर पार्टी की एकता और अनुशासन के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते।
यह देखना दिलचस्प होगा कि कविता इस निलंबन के बाद क्या कदम उठाती हैं। क्या वह अपने आरोपों पर कायम रहेंगी या फिर पार्टी के फैसले को मान लेंगी? फिलहाल, तेलंगाना की राजनीति में इस घटना ने एक नया अध्याय शुरू कर दिया है, जिसके परिणाम आने वाले समय में ही पता चलेंगे।
(इनपुट आईएएनएस)
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