Advertisment

आखिरकार बिखर गया लालू का परिवार, तेज प्रताप के बाद Rohini Acharya ने भी नाता तोड़ा

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद लालू यादव परिवार बिखरता दिख रहा है। हार पर तेज प्रताप के बयान और संजय यादव के चलते रोहिणी की नाराजगी ने स्थिति ‌को विस्फोटक बना दिया है। पढ़ें पूरी राजनीतिक रिपोर्ट।

author-image
Dhiraj Dhillon
Lalu Yadav - Rohini
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। कभी बिहार की राजनीति में कभी अजेय माने जाने वाले लालू यादव परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। बिह‌ार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद परिवार में टूटन का दूसरा दौर चल निकला ह‌ै। बता दें कि लालू अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को पहले ही परिवार से निकाल चुके हैं, अपनी किडनी देकर पिता को दूसरा जीवन देने वाली बेटी रोहिणी आचार्य ने आज राजनीति और परिवार से अलग होने का ऐलान करके बिहार के इस बड़े राजनैतिक घराने में तूफान ला दिया है।विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद तेज प्रताप ने जिस तरह से परिवारवाद पर वार कर सुशासन की वकालत की है, उससे भी बिहार की सियासत में नई बहस शुरू हो गई। इस बहस में रोहिणी आचार्य की प्रतिक्रिया ने तड़का लगाने का काम किया और राजद परिवार की अंदरूनी लड़ाई अब खुलकर सतह पर आ गई है।

जानें तेज प्रताप ने क्या कहा?

तेज प्रताप यादव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है “परिवारवाद खत्म, अब सुशासन और शिक्षा का समय।” चुनाव में हार के बाद तेज प्रताप ने खुद अपने परिवार की राजनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि “बिहार में परिवारवाद की राजनीति का समय अब खत्म हो गया है। राज्य के लोग अब सुशासन और शिक्षा को तरजीह देते हैं।”तेज प्रताप का यह बयान सीधे तौर पर उनके अपने परिवार की राजनीतिक शैली और पार्टी की रणनीतियों पर निशाना माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह संदेश सिर्फ जनता के लिए नहीं बल्कि परिवार और पार्टी के भीतर भी है।

रोहिणी आचार्य का भी गुस्सा फूटा, रिश्तों में खिंचाव बढ़ा

तेज प्रताप के बयान के कुछ घंटों बाद ही रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर कई तीखे पोस्ट कर दिए। वह पहले भी कई बार पार्टी लाइन से अलग खड़ी दिखी हैं, लेकिन इस बार उनका रुख और सख्त रहा।रोहिणी, जिन्होंने अपने पिता लालू यादव को किडनी दान कर अपनी जान तक दांव पर लगा दी थी, ने संकेत दिया कि वह अब परिवार और पार्टी की राजनीति से दूर रहना चाहती हैं। उनके तेवरों से साफ है कि लालू परिवार में रिश्तों की डोर अब बहुत कमजोर हो चुकी है। तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले संजय यादव के विवाद ने भी परिवार की कलह को और उभारा। रोहिणी और तेज प्रताप दोनों ही संजय यादव की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि चुनावी रणनीति और टिकट वितरण को लेकर परिवार के भीतर ही कई गुट बन गए हैं, जिससे टकराव लगातार बढ़ रहा है।

क्या सच में बिखर रहा है लालू का परिवार?

हालांकि लालू यादव ने हमेशा परिवार को एकजुट रखने की कोशिश की है, लेकिन इस बार हालात पहले जैसे नहीं दिख रहे। तेज प्रताप की खुली बयानबाज़ी, रोहिणी की नाराजगी, और तेजस्वी की चुप्पी, तीनों मिलकर इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि लालू परिवार अब राजनीतिक और निजी दोनों ही मोर्चों पर गंभीर दबाव में है। राजनीति में परिवारवाद बनाम सुशासन की बहस के बीच लालू परिवार की टूटन आगामी बिहार राजनीति की दिशा भी बदल सकती है।
Advertisment
bihar chunav lalu yadav | lalu yadav bihar news | Lalu Yadav Family Conflict | Lalu Yadav Family Dispute | Lalu Yadav family drama
Lalu Yadav family drama Lalu Yadav Family Conflict lalu yadav bihar news bihar chunav lalu yadav Lalu Yadav Family Dispute
Advertisment
Advertisment