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महबूबा मुफ्ती ने कहा 'गोडसे का संविधान' और 'खस्ताहाल अर्थव्यवस्था', केंद्र सरकार से पूछे तीखे सवाल

महबूबा मुफ्ती का अर्थव्यवस्था और न्याय व्यवस्था पर हमला। उन्होंने कहा- भारत का सारा बजट डिफेंस पर खर्च हो रहा है, जिससे अर्थव्यवस्था कमजोर है। मालेगांव केस पर बोलीं, 'देश में गोडसे का संविधान चल रहा है।'

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Ajit Kumar Pandey
महबूबा मुफ्ती ने 'गोडसे का संविधान' और 'खस्ताहाल अर्थव्यवस्था', केंद्र सरकार से पूछे तीखे सवाल | यंग भारत न्यूज

महबूबा मुफ्ती ने 'गोडसे का संविधान' और 'खस्ताहाल अर्थव्यवस्था', केंद्र सरकार से पूछे तीखे सवाल | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भारत की अर्थव्यवस्था और कानूनी व्यवस्था पर तीखे सवाल उठाए हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत अपनी रक्षा पर सारा बजट खर्च कर रहा है, जिससे अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है। इसके साथ ही, उन्होंने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपियों को बरी किए जाने पर भी चिंता जताई।

महबूबा मुफ्ती का देश की अर्थव्यवस्था और न्याय व्यवस्था पर तीखा वार

जम्मू, जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने देश की अर्थव्यवस्था और न्याय प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को 'डेड' (खस्ताहाल) बताया था। मुफ्ती ने कहा कि भारत सरकार का अधिकांश बजट रक्षा खर्चों पर चला जाता है, जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, “हम अपना सारा बजट डिफेंस पर खर्च कर रहे हैं... ऑपरेशन सिंदूर के बाद हम बस यही सुन रहे हैं कि हमने कौन से हथियार खरीदे... जब हमारा सारा पैसा इसी पर खर्च हो रहा है, तो अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से नीचे जाएगी।” मुफ्ती का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत की आर्थिक वृद्धि दर पर लगातार बहस हो रही है।

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'गोडसे का संविधान' चल रहा है?

महबूबा मुफ्ती ने केवल अर्थव्यवस्था पर ही नहीं, बल्कि देश की न्याय व्यवस्था पर भी हमला बोला। 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश में इस वक्त कानून का राज नहीं, बल्कि गोडसे का संविधान चल रहा है।

उन्होंने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा, “नया दौर ये है कि कहीं भी कानून का राज ही नहीं है... महात्मा गांधी की तस्वीर पर गोली चलाने वाली महिला के बरी होने पर भाजपा मिठाई बांट रही है... मुझे लगता है कि देश में इस वक्त गोडसे का संविधान चल रहा है। ये लोग बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान को खत्म कर रहे हैं।”

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मुफ्ती के इन बयानों पर राजनीतिक प्रतिक्रिया आना तय है, क्योंकि उन्होंने सीधे तौर पर सरकार की नीतियों और देश के संवैधानिक मूल्यों पर सवाल उठाए हैं। महबूबा मुफ्ती की इन टिप्पणियों से आने वाले दिनों में देश में एक नई राजनीतिक बहस छिड़ सकती है।

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