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माकपा के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी और पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिजनों पर हुए ऑनलाइन हमलों के "सबूत" दिल्ली पुलिस के साथ साझा किए हैं। विदेश मामलों पर संसदीय समिति के सदस्य ब्रिटास ने मई में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मिसरी को ऑनलाइन निशाना बनाए जाने के मामले में जांच की मांग की थी।
विनय नरवाल की पत्नी को बनाया था निशाना
उन्होंने नौसैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल और पर्यटक एन रामचंद्रन की बेटी आरती को निशाना बनाकर चलाए गए साइबर घृणा अभियानों का भी उल्लेख किया था। विनय और रामचंद्रन 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए थे। ब्रिटास ने कहा कि उन्होंने दिल्ली पुलिस द्वारा शिकायत के संबंध में सबूत मांगने पर जवाब दिया है।
अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट दिए
पुलिस उपायुक्त काउंटर इंटेलिजेंस (स्पेशल सेल) मनीषी चंद्रा को संबोधित एक पत्र में, माकपा नेता ने कहा कि वह अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट के साथ-साथ मुख्यधारा के मीडिया कवरेज से ली गई सामग्री साझा कर रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से "साइबर उत्पीड़न और बदनामी के एक संगठित अभियान" को स्थापित करती है। उन्होंने कहा कि पुलिस किसी संज्ञेय अपराध को साबित करने का भार सूचना देने वाले पर डालकर अपने वैधानिक कर्तव्य से बच नहीं सकती, तथा प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।
पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू करे
ब्रिटास ने कहा, "मैं यह बताना चाहूंगा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत, जब किसी संज्ञेय अपराध से संबंधित सूचना प्राप्त होती है, तो पुलिस का कर्तव्य है कि वह प्राथमिकी दर्ज करे और जांच शुरू करे।" ब्रिटास ने पुलिस से अनुरोध किया कि वह बिना किसी देरी के प्राथमिकी दर्ज करे और अपराधियों और उनके नेटवर्क का पता लगाने के लिए डिजिटल फॉरेंसिक का इस्तेमाल करते हुए गहन जांच करे। attack on pahalgham | Pahalgam | pahalgam attack | Pahalgam Breaking News | Pahalgam Incident not