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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को हटाने संबंधी विधेयक पेश किए जाने के बाद देश की राजनीति गरमा गई है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इस बिल को विपक्ष खत्म करने की साजिश बताया, जबकि जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इसे सही दिशा में उठाया गया कदम बताते हुए समर्थन किया है। उन्होंने कहा- देश को ऐसे कानून की जरूरत है। जेल से सत्ता नहीं चलाई जा सकती। जहां कांग्रेस समेत विपक्षी दल इस बिल को लोकतंत्र और विपक्ष के लिए खतरा बता रहे हैं, वहीं प्रशांत किशोर जैसे नेता इसे संवैधानिक पद की गरिमा बनाए रखने वाला प्रावधान मान रहे हैं। अब निगाहें राज्यसभा पर टिकी हैं कि वहां इस बिल का क्या हश्र होता है।
केजरीवाल ने जेल से सरकार चलाने का प्रयास किया था
बता दें कि दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल से सरकार चलाने का प्रयास किया था। भाजपा ने केजरीवाल पर हमलावर होते हुए उनके इस्तीफे की मांग की थी, इसके अलावा जेल से अधिकारियों को आदेश- निर्देश जारी किए जाने के मामले भी चर्चा में रहे थे। हालांकि जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी थी। केजरीवाल यह कहकर चुनाव में गए कि जनादेश पाकर ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे, हालांकि जनादेश भाजपा के पक्ष में चला गया।
हरीश रावत का बिल पर हमला
हरीश रावत ने कहा- मोदी जी के शासनकाल में ये बिल विपक्षी सरकारों के लिए मौत का वारंट है। विपक्ष का कोई भी मुख्यमंत्री या मंत्री अब ईडी और CBI की जांच से नहीं बचेगा। चाहे जांच में तथ्य हो या न हो, इस्तीफे की मांग होगी। यह बिल विपक्ष विहीन भारत बनाने की दिशा में लाया गया है। उन्होंने बिल को विपक्ष को खत्म करने वाला हथियार बताते हुए कहा- विपक्षी सरकारों के खिलाफ इसका ईडी और सीबीआई की तरह ही इस्तेमाल किया जाएगा।
#WATCH देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पीएम, सीएम और मंत्रियों को हटाने संबंधी पेश किए गए विधेयक पर कहा, "मोदी जी के शासनकाल में ये बिल विपक्ष की सरकारों के लिए मौत का वारंट है। विपक्ष का कोई भी अब नहीं बचेगा… pic.twitter.com/tHXL7h1AZy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 21, 2025
प्रशांत किशोर का समर्थन
इसके अलावा बिहार में जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर ने इस विधेयक को सही ठहराते हुए कहा- अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आपराधिक मामले में जेल चला जाता है तो जेल में रहकर सत्ता नहीं चला सकता। ऐसे में यह प्रावधान बिल्कुल सही है। उन्होंने यह भी कहा कि बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में भेजा गया है और अगर इसके पीछे कोई गलत नीयत नहीं है तो यह कानून व्यवस्था और शासन के लिहाज से जरूरी कदम है।
#WATCH पूर्णिया (बिहार): जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार मंत्रियों को हटाने संबंधी तीन विधेयक पेश किए जाने पर कहा, "इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति में… pic.twitter.com/6081YkY8wt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 21, 2025
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