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PM Modi 'पूर्वोत्तर की समृद्ध संस्कृति के ब्रांड एंबेसडर': CM Himanta Biswa Sarma

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्वोत्तर की संस्कृति के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया और सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किया।

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YBN News
HIMANTA VISHVA SARMA MODI

नई दिल्ली, आईएएनएस।

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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्वोत्तर की संस्कृति का ब्रांड एंबेसडर बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, "नरेंद्र मोदी - पूर्वोत्तर की समृद्ध संस्कृति के ब्रांड एंबेसडर"। वीडियो में पीएम मोदी की एक क्लिप है। इसमें पीएम मोदी कह रहे हैं, "एक समय था जब देश में असम और पूर्वोत्तर के विकास की भी उपेक्षा हुई। यहां की संस्कृति को भी नजरअंदाज किया गया। लेकिन, अब पूर्वोत्तर की संस्कृति का ब्रांड एंबेसडर खुद मोदी ही बन चुका है।"

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प्रधानमंत्री मोदी का असम दौरा 

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मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 समिट का शुभारंभ करेंगे। यह दो दिवसीय समिट निवेश और बुनियादी ढांचे पर केंद्रित होगी, जिसमें 60 से अधिक देशों के राजदूत और मिशन प्रमुख हिस्सा लेंगे। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' का हिस्सा है। ज्ञात हो कि पूर्वोत्तर में पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने रेलवे में 81000 करोड़ रुपये, सड़क कनेक्टिविटी में 48000 करोड़ रुपये और भारतमाला परियोजना के तहत 5196 किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया है। उड़ान योजना के तहत, 8 नए हवाई अड्डों का निर्माण किया गया है और 71 नए हवाई मार्ग शुरू किए गए हैं।

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गृहमंत्री अमित शाह ने बताया पिछले 10 सालों का विकास 

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हाल ही में पूर्वोत्तर में पिछले दस सालों में हुए विकास के बारे में जानकारी देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में 2004 से 2014 तक 11121 हिंसक घटनाएं हुईं, जो 2014 से 2023 तक 73 प्रतिशत गिरकर 3114 हो गई।

उन्होंने केंद्र के प्रयासों को आंकड़ों की जुबानी बयां किया। कहा कि सुरक्षा बलों की मृत्यु की घटनाओं में 71 प्रतिशत से 132 से 132 की गिरावट आई, जो नागरिकों की मौत का 86 प्रतिशत कम हो गया। विद्रोह की घटनाओं में कमी आई है क्योंकि पिछले 5 वर्षों में 8900 से अधिक कैडरों के आतंकवादी समूहों ने मुख्यधारा में आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने पूरे देश को एक संदेश दिया है कि शांति और समृद्धि एक -दूसरे के साथ जुड़ी हुई हैं और उनके बिना राज्य विकसित नहीं हो सकते।

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