मुंबई, वाईबीएन नेटवर्क।
महाराष्ट्र की राजनीति में गहमागहमी का माहौल है। होली के मौके पर महाराष्ट्र में सियासी रंग चढ़ गया है। शुक्रवार को कांग्रेस नेता नाना पटोले ने एक चौंकाने वाला बयान दिया, जिसके बाद से महाराष्ट्र के सियासी हलकों में हलचल मच गई है। नानाभाऊ पटोले ने महाराष्ट्र सरकार के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार को खुला न्यौता दिया है कि अगर वह देवेंद्र फडणवीस की नेतृत्व से तंग आ चुके हैं तो वे महाविकास अघाड़ी के साथ मिलकर एक नई सरकार बना सकते हैं।
महाराष्ट्र में सियासी फेरबदल के संकेत
महाराष्ट्र में महायुति ने मिलकर सरकार बनाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार और एकनाथ शिंदे के बीच मतभेद की बढ़ रहे हैं। इस बीच नाना पटोले का बयान महाराष्ट्र में बड़े सियासी फेरबदल के संकेत दे रहा है। नाना पटोले ने कहा कि अगर उन्हें सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में घुटन महसूस हो रही है, तो वे फडणवीस के बिना सरकार बनाने के लिए आगे आ सकते हैं। कांग्रेस इसके लिए तैयार है। हालांकि बाद में पटोले ने "बुरा ना मानो होली है" बोलकर इसे हल्के-फुल्के अंदाज में दिया गया बयान बता दिया।
क्या है महाराष्ट्र का सियासी गणित?
महाराष्ट्र में विपक्ष पार्टी कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना शामिल हैं। विपक्षी महाविकास अघाड़ी के पास सामूहिक रूप से 50 सीटें हैं। वहीं, शिवसेना (शिंदे) के पास 57 सीटें और अजित पवार की एनसीपी के पास 41 सीटें हैं। इन पार्टियों को मिलाकर कुल 148 सीटें हैं, जो बहुमत से ज्यादा हैं। अगर अजीत पवार और एकनाथ शिंदे, विपक्ष में शामिल होते हैं तो विपक्षी दल मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना सकते हैं। यही वजह है कि नाना पटोले के बयान ने महाराष्ट्र की सियासत में राजनीतिक रंग घोल दिया है।
"नाना पटोले को सन्यास ले लेना चाहिए"
नाना पटोले के बयान को लेकर एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। शिवसेना विधायक शाइना एनसी ने कहा, "उनके (MVA) पास न तो कोई विचारधारा है, न ही संख्या है, लेकिन वे इस तरह की बातें कर रहे हैं। महायुति सरकार के पास नेतृत्व है और वह महाराष्ट्र और उसके लोगों के लिए काम कर रही है। मुझे लगता है कि नाना पटोले को खेती करनी चाहिए और राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए।"