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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि महाराष्ट्र का चुनाव कैसे चोरी हुआ। राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र में 40 लाख संदिग्ध वोटर हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की नींव वोट है। ऐसे में सोचना होगा कि क्या सही लोगों को वोट डालने दिया जा रहा है? क्या मतदाता सूची में फर्जी वोटर्स जोड़े गए? लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनावी नतीजों और बीजेपी की स्थिति को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हर लोकतांत्रिक देश और पार्टी को सत्ता विरोधी लहर (Anti-incumbency) का सामना करना पड़ता है, लेकिन भाजपा पर इसका असर क्यों नहीं होता, यह बड़ा सवाल है, यह सोचने वाली बात है। राहुल गांधी ने कहा- हर लोकतंत्र में हर पार्टी को एंटी-इंकंबेंसी का असर झेलना पड़ता है। लेकिन भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है, जिस पर यह असर नहीं दिखता।"
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 7, 2025
"सर्वे कुछ और, नतीजे कुछ और"
राहुल ने हरियाणा और मध्य प्रदेश के हालिया विधानसभा चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा- "एग्जिट पोल, ओपिनियन पोल कुछ और दिखा रहे थे। हमारे अपने इंटरनल सर्वे भी कुछ और बता रहे थे। सब कुछ एक दिशा में इशारा कर रहा था, लेकिन परिणाम अचानक पूरी तरह उलट गए, और वो भी भारी अंतर के साथ। उन्होंने यह भी जोड़ा कि हमारे पास भी काफी सटीक और तकनीकी रूप से मजबूत पोलिंग सिस्टम है, लेकिन जब परिणाम आए, तो वो बिलकुल उलटी दिशा में गए। हालांकि राहुल गांधी ने सीधे तौर पर चुनावी प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया, लेकिन उनके बयान ने एक बार फिर सर्वे और नतीजों के बीच के फासले को चर्चा में ला दिया है।
हरियाणा और महाराष्ट्र ने हमारा शक पक्का कर दिया
महाराष्ट्र से पहले हम अपने शक की वजह और तर्क को स्पष्ट रूप से व्यक्त नहीं कर पा रहे थे, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र में जो कुछ हमने देखा, उससे हमारा शक पक्का हो गया। महाराष्ट्र में केवल पांच महीनों में जितने नए मतदाता जुड़े, उतने पिछले पांच वर्षों में भी नहीं जुड़े थे, जो कि एक हैरान करने वाला तथ्य था। इतना ही नहीं, कुछ क्षेत्रों में जितने मतदाता जोड़े गए, उनकी संख्या वहां की कुल आबादी से भी ज्यादा थी, जो और भी चौंकाने वाली बात थी। इसके अलावा, शाम 5 बजे के बाद अचानक वोटिंग प्रतिशत में भारी उछाल देखने को मिला। सबसे हैरानी की बात यह थी कि जिस गठबंधन ने कुछ ही महीने पहले लोकसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज की थी, वही विधानसभा चुनावों में पूरी तरह साफ हो गया यह सब कुछ बहुत संदिग्ध लगना स्वभाविक था, और लगा भी लेकिन हमें सबूतों का इंतजार था।