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वक्फ संशोधन बिल पर JPC की मुहर, एनडीए के प्रस्तावित 14 संशोधन किए मंजूर

वक्फ संशोधन बिल पर बनी Joint Parliamentary Committee (जेपीसी) की दूसरी बैठक में लंबी बहस के बाद मंजूरी दे दी। JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि इस फाइनल मीटिंग में सभी 44 संशोधनों पर चर्चा की गई।

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Akash Dutt
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OWAISI WAQF JPC

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क

वक्फ संशोधन बिल पर बनी Joint Parliamentary Committee (जेपीसी) की दूसरी बैठक में समिति ने विधेयक को मंजूरी दे दी। JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि इस फाइनल मीटिंग में सभी 44 संशोधनों पर चर्चा की गई। इनमें NDA सांसद के 14 सुझावों को मंजूरी दे दी गई है। विपक्षी सदस्यों ने भी कुछ प्रस्ताव रखे, लेकिन वोटिंग के दौरान इन्हें नकार दिया गया। वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। 

हालाकिं जेपीसी की दूसरी बैठक के दौरान AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी वे संशोधन बिल का विरोध करते हुए एक लिखित नोट प्रस्तुत किया था। आपको बता दें कि विधेयक की जांच समिति ने ड्राफ्ट लॉ में तकरीबन 572 बदलावों का प्रस्ताव दिया हैऔर यह सरकार और विपक्ष के बीच टकराव का एक अहम विषय रहा। बीते साल दिसंबर को कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान के प्रतिनिधियों समेत उत्तर प्रदेश, ओडिशा और दिल्ली के प्रतिनिधियों से भी सुझाव लिए गए थे।

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जेपीसी की पिहली बैठक में भी हुआ था हंगामा

बीते सप्ताह हुई जेपीसी की बैठक में भाजपा और विपक्ष पर जमकर हंगामा हुआ था। सांसदों के बीच में बढ़ती गरमा-गरमी को देखते हुए मार्शल तक को बुलाना पड़ा था। तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी,AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और DMK के ए. राजा समेत 10 विपक्षी सांसदों को सुनवाई में बाधा डालने के लिए जे.पी.सी. सदस्यता से एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया था।

विपक्ष का विरोध

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विपक्षी दलों ने संशोधन बिल के कई प्रावधानों पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि वक्फ बोर्ड के प्रस्तावित ढांचे में इस्लाम का पालन करने वाले सदस्यों की संख्या सुनिश्चित की जानी चाहिए, जिसमें कम से कम महिलाएं हों। सांसदAIMIM असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक में 43 संशोधनों के नोटिस दिए हैं। विधेयक में वक्फ संपत्तियों के अनिवार्य पंजीकरण, डिजिटल रिकॉर्ड की सार्वजनिक पहुंच विशेष ट्रिब्यूनल की स्थापना और प्रशासन में तकनीकी एकीकरण जैसे प्रावधान को शामिल हैं। इनका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है।

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सरकार का पक्ष

वहीं, दूसरी ओर सरकार का कहना है कि ये संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया है कि यह किसी की धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करता और संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं करता।

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