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पाकिस्तान 'घर जैसा' : सैम पित्रोदा के बयान से फिर फंसी कांग्रेस, इन 7 मौकों पर पार्टी को डाला मुश्किल में?

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने पाकिस्तान में 'घर जैसा महसूस' होने का बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया। यह पहली बार नहीं है जब उनके बयानों ने कांग्रेस को मुश्किल में डाला। 1984 के दंगों पर बोले 'हुआ तो हुआ'। पित्रोदा के इन सात बयानों ने खूब हंगामा मचाया।

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Ajit Kumar Pandey
पाकिस्तान पर बोलकर विवादों में फंसे सैम पित्रोदा! इन बयानों से मुश्किल में कांग्रेस! | यंग भारत न्यूज

पाकिस्तान पर बोलकर विवादों में फंसे सैम पित्रोदा! इन बयानों से मुश्किल में कांग्रेस! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा एक बार फिर अपने बयानों के चलते विवादों के घेरे में हैं। पाकिस्तान के साथ रिश्तों को बेहतर बनाने की बात करते हुए उनका यह कहना कि "मैं पाकिस्तान गया हूं और मुझे वहां घर जैसा महसूस हुआ," ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद संवेदनशील हैं। यह पहली बार नहीं है जब पित्रोदा के बयान ने कांग्रेस को मुश्किल में डाला है। 

तमाम मीडिया - सोशल मीडिया और न्यूज चैनेल्स की रिपोर्ट्स से जानते हैं कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता के बयानों से कब कब कांग्रेस पार्टी को विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ा। 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा अपने बेबाक और कई बार बेतुके बयानों के लिए जाने जाते हैं, जिनसे उनकी अपनी ही पार्टी भी किनारा कर लेती है। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि भारत को अपनी विदेश नीति में सबसे पहले अपने पड़ोसियों, खासकर पाकिस्तान के साथ संबंधों को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए। 

इसके बाद उन्होंने जो कहा, उसने सबकी भौंहे चढ़ा दीं, "मैं पाकिस्तान गया हूं, और मुझे कहना होगा, मुझे वहां घर जैसा महसूस हुआ। मैं बांग्लादेश, नेपाल भी गया हूं, और मुझे वहां घर जैसा महसूस होता है। मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं किसी विदेशी देश में हूं।" 

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इस बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला और पूछा कि क्या यह कांग्रेस की आधिकारिक नीति है? 

चीन पर बयान: जब खतरे को बताया 'बढ़ा-चढ़ाकर' 

इसी साल फरवरी में सैम पित्रोदा ने चीन के खतरे को लेकर भी ऐसा ही विवादास्पद बयान दिया था। जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव जारी था, तब उन्होंने कहा था, "मुझे चीन से खतरा समझ नहीं आता। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है क्योंकि अमेरिका में दुश्मन को परिभाषित करने की प्रवृत्ति होती है। मेरा मानना है कि अब सभी देशों को सहयोग करने का समय है, न कि टकराव का।" 

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इस बयान पर भी खूब हंगामा हुआ और राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे भारत की सुरक्षा को कमजोर करने वाला बयान बताया। 

कांग्रेस ने इस बयान से भी दूरी बना ली थी, लेकिन तब तक पित्रोदा का बयान सुर्खियां बटोर चुका था। 

भारत की विविधता पर विवादित टिप्पणी 

पित्रोदा ने भारत की विविधता को लेकर भी एक बयान दिया था, जिस पर खूब विवाद हुआ। उन्होंने कहा था, "हम भारत जैसे विविध देश को एक साथ रख सकते हैं - जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरबों जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग शायद गोरे दिखते हैं, और दक्षिण के लोग अफ्रीकियों जैसे दिखते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम सभी भाई और बहन हैं।" 

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कांग्रेस ने इस बयान से तुरंत किनारा कर लिया था। जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा था कि सैम पित्रोदा द्वारा भारत की विविधता को लेकर दिए गए उपमाएं "पूरी तरह से गलत और अस्वीकार्य" हैं और कांग्रेस पार्टी इन उपमाओं से पूरी तरह से असंबद्ध है।

विरासत कर और राम मंदिर पर भी बोल चुके हैं 

लोकसभा चुनाव के दौरान, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर 'विरासत कर' के माध्यम से लोगों की संपत्ति को दोबारा बांटने का आरोप लगाया, तब पित्रोदा ने अमेरिका के विरासत कर कानून का उदाहरण देकर कहा कि "अगर किसी व्यक्ति के पास 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है, तो उसकी मृत्यु के बाद 45 प्रतिशत संपत्ति उसके बच्चों को जाती है और 55 प्रतिशत सरकार को।" 

इस बयान ने भी विवाद पैदा किया था और कांग्रेस को बचाव की मुद्रा में ला दिया था। 

राम मंदिर के मुद्दे पर भी पित्रोदा ने एक बयान दिया था कि "क्या राम मंदिर असली मुद्दा है? या बेरोजगारी असली मुद्दा है? क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या महंगाई असली मुद्दा है?" 

उन्होंने कहा था कि लोगों को तय करना होगा कि असली मुद्दे क्या हैं, रोजगार और महंगाई, या फिर राम मंदिर। 

'1984 में हुआ तो हुआ' और पुलवामा पर कहा

शायद पित्रोदा का सबसे विवादास्पद बयान 1984 के सिख विरोधी दंगों पर था। 2019 में उन्होंने कहा था, "अब क्या है '84 का? आपने क्या किया 5 साल में, उसकी बात करिए। '84 में हुआ तो हुआ। आपने क्या किया?" 

इस बयान पर पूरे देश में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी और कांग्रेस को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था। 

पुलवामा हमले पर भी उनका बयान विवादों में रहा था। उन्होंने कहा था, "मुझे हमलों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। यह हर समय होता है। 

मुंबई में भी एक हमला हुआ था। तब हम प्रतिक्रिया दे सकते थे और अपने विमान भेज सकते थे, लेकिन वह सही तरीका नहीं है। मेरे हिसाब से दुनिया से ऐसे निपटा नहीं जाता।" 

उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों के अपराध के लिए पूरे देश (पाकिस्तान) को दोष नहीं देना चाहिए। 

सैम पित्रोदा के इस तरह के बयान उनकी आदत बन गए हैं। एक के बाद एक विवादास्पद बयान देकर वह न सिर्फ अपनी, बल्कि अपनी पार्टी की छवि को भी नुकसान पहुंचाते हैं। 

पाकिस्तान पर उनका नया बयान इसी सिलसिले की एक कड़ी है, जिसने एक बार फिर उन्हें और कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है। 

एक नजर में सैम पित्रोदा के 7 बयानों की सुर्खियां 

1. 8 मई 2024: उन्होंने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर के लोग “चीन जैसे दिखते हैं”, दक्षिण के लोग अफ्रीकी जैसा दिखते हैं आदि — भारत की विविधता बयान देते हुए। 

यह बयान “नस्ली टिप्पणी” की तरह देखा गया, भाजपा ने हमला किया, कांग्रेस को बयान से दूरी बनानी पड़ी। 

2. 8 मई 2024: विरासत कर का समर्थन करते हुए, अमेरिका की व्यवस्था का उदाहरण देते हुए कहा कि अमीरों पर टैक्स होना चाहिए। 

विवाद हुआ कि कांग्रेस क्या संपत्ति वितरण चाहती है, भाजपा ने इसे झूठे अर्थों में इस्तेमाल किया। कांग्रेस ने कहा कि ये पित्रोदा के व्यक्तिगत विचार हैं। 

3. 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने कहा था “हुआ तो हुआ”। 

यह टिप्पणी बहुत विवादास्पद हुई क्योंकि लोगों को लगा कि यह घटना कमज़ोर तरीके से ली गई है, मोदी ने भी इस पर कांग्रेस को निशाना बनाया। 

4. 2019 (पुलवामा हमले के बाद): पित्रोदा ने कहा कि “हमले होते रहते हैं”, मुंबई में भी हमले हुए थे, प्रतिक्रिया देने के बजाय हमेशा राष्ट्रवादी अंदाज़ में नहीं सोचना चाहिए। 

यह बयान भी आलोचनाओं का केंद्र बना क्योंकि लोगों ने कहा कि आत्मरक्षा या आतंकवाद की प्रतिक्रिया को हल्के में लिया जा रहा है। 

5. जून 2023 में राम मंदिर निर्माण से जुड़े हुए बयान: कहा कि मंदिर नहीं बनेंगे भारत की बेरोज़गारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि समस्याओं का समाधान। धार्मिक मुद्दा प्रमुख मंच नहीं होना चाहिए। 

भाजपा ने इस बयान को उठाया, यह कहा गया कि पित्रोदा धार्मिक भावना को तुच्छ समझते हैं। कांग्रेस को खींचतान झेलनी पड़ी। 

6. 17 फरवरी 2025: उन्होंने कहा कि भारत को चीन को दुश्मन मानना बंद करना चाहिए, चीन से खतरा अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। 

बीजेपी ने इसे कांग्रेस की विदेश नीति के खिलाफ़ नरम रवैये की निशानी कहा। कांग्रेस ने कहा कि ये पित्रोदा के निजी विचार हैं, पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं। 

7. 19 सितंबर 2025: सैम पित्रोदा ने कहा, “मैं पाकिस्तान गया, वहां बिल्कुल घर जैसा लगा” और कहा कि पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को सुधारने की ज़रूरत है, “सभा में साझा आनुवंशिक पूल” आदि। 

भाजपा ने इस बयान पर हमला किया, कहा कि यह राष्ट्रवाद के विरुद्ध है, कांग्रेस को इस तरह के बयानों से खुद को अलग रखने की ज़रूरत पड़ी। 

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