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पश्चिम बंगाल, वाईबीएन न्यूज। काम की तलाश में अपने मूल पते से पलायन कर चुके लोगों को एसआईआर में मताधिकार खोने का डर सता रहा है।पश्चिम बंगाल की सैक्स वर्कर्स को भी यही डर सता रहा है, इसके लिए उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। हालांकि चुनाव आयोग ने ऐसे लोगों के लिए खास व्यवस्था की है ताकि कोई भी पात्र नागरिक मताधिकार से न छूटने पाए। कोलकाता के सोनागाछी रेड लाइट एरिया की सेक्स वर्करों ने पश्चिम बंगाल में शुरू हुए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करने की मांग उठाई है। कई महिलाओं के पास पहचान संबंधी दस्तावेज नहीं हैं, जिससे उन्हें डर है कि वे मतदाता सूची से बाहर रह जाएंगी।
दुर्बार समिति ने मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखा
दुर्बार महिला समन्वय समिति ने इस संबंध में मुख्य चुनाव अधिकारी, पश्चिम बंगाल को पत्र भेजकर सोनागाछी में विशेष वेरिफिकेशन कैंप लगाने और ऑन-साइट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करने की मांग की है। समिति का कहना है कि सेक्स वर्कर स्वयं अपना पता घोषित कर सकें, जिसके लिए NGO या सहकर्मी सत्यापन का विकल्प भी दिया जाए।एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक- समिति की सचिव विशाखा लस्कर ने बताया कि अधिकांश सेक्स वर्कर वर्षों पहले घर छोड़ चुकी हैं और परिवार से किसी भी तरह का संपर्क नहीं है। ऐसे में जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराना संभव नहीं हो पाता। उन्होंने कहा- कई महिलाओं के पास केवल आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड या बिजली बिल जैसे सीमित दस्तावेज ही उपलब्ध हैं। सरकार इन आधारों पर भी उनका नाम मतदाता सूची में जोड़े, ताकि उन्हें मतदान अधिकार से वंचित न होना पड़े।
12000 सैक्स वर्कर्स के मताधिकार का सवाल
लस्कर ने बताया कि सेक्स वर्करों को पहली बार 2002 में वोटर आईडी कार्ड मिले थे, जिसके बाद वे मतदान करने लगीं, लेकिन पुरानी वोटर लिस्ट में स्वाभाविक रूप से उनके नाम नहीं थे। अब उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर 12,000 सेक्स वर्करों के नाम जोड़ने की मांग की गई है, जिनमें से करीब 8,000 सोनागाछी में रहती हैं और बाकी नियमित रूप से काम के सिलसिले में विभिन्न स्थानों पर जाती हैं।
ECI ने दिया आश्वासन, SIR कवरेज बढ़ा
चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि सभी पात्र नागरिकों का नाम फाइनल वोटर लिस्ट में जोड़ने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। आयोग के अनुसार, 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में SIR फेज-2 के तहत 95% से अधिक फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल ने भी 90% से अधिक कवरेज हासिल किया है, जबकि गोवा और लक्षद्वीप में 100% वितरण किया गया है। SIR की अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को जारी की जाएगी।
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