Advertisment

पंचायत चुनाव 2025 के बाद उत्तराखंड BJP का एक्शन प्लान: बदलाव की आंधी में कौन बचेगा, कौन जाएगा?

उत्तराखंड भाजपा पंचायत चुनावों के बाद अपनी नई टीम का ऐलान करेगी, जिसमें निष्क्रिय और दोहरे दायित्व वाले नेताओं को बाहर किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की अगुवाई में यह बदलाव संगठन को मजबूत करने और 2027 चुनावों की तैयारी के लिए हो रहा है।

author-image
Ajit Kumar Pandey
पंचायत चुनाव 2025 के बाद उत्तराखंड BJP का एक्शन प्लान: बदलाव की आंधी में कौन बचेगा, कौन जाएगा? | यंग भारत न्यूज

पंचायत चुनाव 2025 के बाद उत्तराखंड BJP का एक्शन प्लान: बदलाव की आंधी में कौन बचेगा, कौन जाएगा? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।उत्तराखंड में भाजपा पंचायत चुनावों के बाद अपनी नई टीम तैयार करने जा रही है। इस बड़े फेरबदल में उन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा जो संगठन में निष्क्रिय रहे हैं या अपने दायित्वों को निभाने में सुस्त दिखे हैं। यह कदम आगामी चुनावों को देखते हुए पार्टी को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।

उत्तराखंड में पंचायत चुनावों के बाद भाजपा संगठन में एक बड़े फेरबदल की तैयारी है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के नेतृत्व में एक नई टीम का गठन होने जा रहा है, जिसमें उन चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा जो पद पर रहते हुए सक्रिय नहीं रहे। यह खबर उन नेताओं के लिए चिंता का विषय है जो लंबे समय से पार्टी में हैं लेकिन अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभा रहे थे। क्या इस बदलाव से उत्तराखंड भाजपा को नई ऊर्जा मिलेगी?

उत्तराखंड भाजपा में बड़ा बदलाव: निष्क्रिय नेताओं की छुट्टी!

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने लगातार दूसरी बार कमान संभालने के बाद इस बात के स्पष्ट संकेत दिए हैं कि अब संगठन में सक्रियता ही पद पर बने रहने का एकमात्र मानदंड होगा। सूत्रों के अनुसार, अगस्त महीने तक नई टीम सामने आ जाएगी। यह उन लोगों के लिए एक झटके की तरह है जो केवल पद पर बने रहने के लिए पार्टी से जुड़े थे, लेकिन सांगठनिक कार्यों में उनकी रुचि कम थी।

दोहरे दायित्व वालों पर भी गिरेगी गाज

इस बदलाव में सिर्फ निष्क्रिय सदस्य ही नहीं, बल्कि वे नेता भी निशाने पर हैं जिनके पास दोहरे दायित्व हैं। यानी, जो संगठन में भी पद पर हैं और सरकार में भी किसी जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं। पार्टी का मानना है कि ऐसे दोहरे दायित्वों के कारण अक्सर संगठन के काम प्रभावित होते हैं। ऐसे में उन्हें एक जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है ताकि वे किसी एक जगह पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर सकें। यह फैसला पार्टी की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए लिया जा रहा है।

Advertisment

सक्रियता को प्राथमिकता: अब केवल कर्मठ और समर्पित कार्यकर्ताओं को ही मौका मिलेगा।

दोहरे दायित्वों पर लगाम: एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत पर काम हो सकता है।

प्रदर्शन ही पैमाना: भविष्य में पार्टी में बने रहने के लिए प्रदर्शन महत्वपूर्ण होगा।

क्या यह फेरबदल उत्तराखंड की राजनीति में एक नई दिशा तय करेगा?

अनुभवी चेहरों को मिल सकती है नई भूमिका

Advertisment

हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि सभी पुराने चेहरों को बाहर कर दिया जाएगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो कुछ अनुभवी पदाधिकारियों को उनके सक्रिय योगदान और अनुभव को देखते हुए टीम में बनाए रखा जाएगा। लेकिन उनकी जिम्मेदारियां बदली जा सकती हैं। यह कदम संतुलन बनाए रखने और पुराने अनुभवों का लाभ उठाने के लिए उठाया जा रहा है।

उत्तराखंड के कुछ जिलों की कार्यकारिणी का भी विस्तार किया जाएगा, जिससे जमीनी स्तर पर संगठन को और मजबूत किया जा सके। यह दिखाता है कि पार्टी सिर्फ प्रदेश स्तर पर ही नहीं, बल्कि निचले स्तर तक भी सुधार करना चाहती है।

2027 के चुनाव पर भाजपा की पैनी नजर

यह पूरी कवायद कहीं न कहीं 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों का हिस्सा लगती है। भाजपा जानती है कि सत्ता में बने रहने के लिए एक मजबूत और सक्रिय संगठन का होना बेहद जरूरी है। महेंद्र भट्ट के नेतृत्व में यह बदलाव संगठन को और अधिक गतिशील और परिणामोन्मुखी बनाने का प्रयास है। क्या यह रणनीति भाजपा को आने वाले चुनावों में जीत दिला पाएगी?

Advertisment

इस फेरबदल से उत्तराखंड भाजपा में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से नए चेहरे सामने आते हैं और कौन से पुराने दिग्गजों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ती है। आने वाले दिन उत्तराखंड की राजनीति के लिए काफी अहम साबित हो सकते हैं।

latest uttarakhand news | Uttarakhand BJP News 

Uttarakhand BJP News latest uttarakhand news
Advertisment
Advertisment