/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/10/congress-mp-sukhdev-bhagat-2025-09-10-12-50-26.jpg)
क्या उपराष्ट्रपति चुनाव में हुई है 'क्रॉस वोटिंग': जानें कांग्रेस सांसद ने क्यों कहा यह चिंतन का विषय है? | यंग भारत न्यूज Photograph: (IANS)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।उपराष्ट्रपति चुनाव में 15 विपक्षी सांसदों की 'क्रॉस वोटिंग' के बीजेपी के दावे ने कांग्रेस खेमे में हलचल मचा दी है। जहां एक तरफ भाजपा इसे विपक्ष की कमजोरी बता रही है तो वहीं कांग्रेस इसे 'चिंतन का विषय' मान रही है। इस घटना ने इंडिया गठबंधन के भविष्य और आपसी एकजुटता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मंगलवार को सम्पन्न हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत ने एक नई राजनीतिक बहस छेड़ दी है। भाजपा ने दावा किया है कि विपक्ष के 15 सांसदों ने अपनी पार्टी लाइन से हटकर एनडीए के पक्ष में वोट किया। यह दावा अगर सही है तो विपक्ष खासकर कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है।
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने समाचार एजेंसी IANS को इस घटना को "गर्व का नहीं, बल्कि चिंतन और विचार का विषय" बताकर इस बात पर मुहर लगाई कि कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ है। यह पहली बार नहीं है जब विपक्ष में इस तरह की दरारें देखने को मिली हैं। अक्सर बड़े चुनावों में कुछ विधायक या सांसद पार्टी के खिलाफ जाकर वोट करते हैं, लेकिन 15 सांसदों का एक साथ क्रॉस वोट करना एक बड़ा संकेत है।
कांग्रेस की सफाई: 'क्रॉस वोटिंग' नहीं, 'चिंतन'
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने इस घटना पर सफाई देते हुए कहा कि 'क्रॉस वोटिंग' जैसा शब्द गलत है। उन्होंने कहा, "यह गर्व या अहंकार की बात नहीं है, बल्कि यह चिंतन और विचार का विषय है।"
सुखदेव भगत के बयान से लगता है कि वह इस बात को स्वीकार करते हैं कि पार्टी को अपनी आंतरिक एकजुटता पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पद की गरिमा बनी रहनी चाहिए और वह पक्षपात से मुक्त होकर राष्ट्र के लिए एक उदाहरण पेश करें।
भगत ने यह भी याद दिलाया कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 400 पार का दावा कर रही थी, लेकिन सिर्फ 240 सीटों पर ही सिमट गई। उन्होंने कहा, "15 सांसदों द्वारा क्रॉस वोटिंग की बात सामने आई है, लेकिन मैं मानता हूं कि यह कोई चिंता का विषय नहीं है।"
हालांकि, उनका यह बयान कहीं न कहीं यह भी दर्शाता है कि पार्टी इस मुद्दे की गंभीरता को कम करके आंक रही है।
राहुल गांधी का 'संविधान बचाओ' अभियान और वोट प्रतिशत की लड़ाई
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने राहुल गांधी के 'संविधान बचाओ' अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि उनका संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि पिछली बार के मुकाबले कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है, जिससे उनके संघर्ष को बल मिलेगा।
यह तर्क तब सामने आया है जब विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगा रहा है। ऐसे में अगर विपक्षी खेमे के ही सांसद पार्टी लाइन से हटकर वोट करते हैं, तो यह उनके अभियान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।
पड़ोसी देशों में अशांति और भारत की जिम्मेदारी
उपराष्ट्रपति चुनाव के अलावा सुखदेव भगत ने नेपाल में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भूमि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है और किसी भी समाज में हिंसा का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने पड़ोसी देशों में स्थिरता लाने में भूमिका निभाए।
यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि कांग्रेस पार्टी भी भारत की विदेश नीति को लेकर गंभीर है। खासकर तब जब पड़ोसी देशों में अशांति है। चाहे वह बांग्लादेश, श्रीलंका हो या पाकिस्तान, भारत को शांति बहाल करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर पक्ष और विपक्ष दोनों का नजरिया काफी हद तक समान है, लेकिन राजनीतिक बयानबाजी में अक्सर यह बात दब जाती है।
Vice Presidential Election 2025 | Opposition Cross Voting | India Alliance Unity | Congress Introspection