नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।
पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) में उस वक्त भूचाल आ गया जब पार्टी के सांसद कल्याण बनर्जी ने अपने ही सहयोगी सांसद कीर्ति आज़ाद पर गंभीर आरोप लगाए। बनर्जी ने दावा किया कि आज़ाद ने पार्टी की अंदरूनी बातचीत को सार्वजनिक कर दिया है, जिससे संगठन के भीतर विवाद गहरा गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आज़ाद ने उन्हें उकसाया था और चुनाव आयोग (ईसी) के दफ्तर में हुए कथित विवाद की गोपनीय जानकारी बाहर लीक कर दी।
सांसद कल्याण बनर्जी ने खोला मोर्चा
mamta banerjee | टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने इस पूरे घटनाक्रम पर पहली बार खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने स्वीकार किया कि ईसी के कार्यालय में बहस हुई थी, लेकिन इसके लिए भी उन्होंने कीर्ति आज़ाद को ही जिम्मेदार ठहराया। बनर्जी ने कहा कि आज़ाद उन्हें यह 'लेक्चर' दे रहे थे कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं। उन्होंने सीधे तौर पर आज़ाद पर ही वॉट्सऐप चैट लीक करने का आरोप लगाया।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस मामले को सार्वजनिक किया था। मालवीय ने टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और कीर्ति आज़ाद के बीच वॉट्सऐप पर हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट साझा किए थे। इन स्क्रीनशॉट्स से यह स्पष्ट हो गया था कि दोनों नेताओं के बीच का मतभेद अब व्यक्तिगत तकरार में बदल गया था।
...तो क्या दोनों सांसदों की बीच हुई थी तीखी बहस
मालवीय ने दावा किया था कि 4 अप्रैल को चुनाव आयोग के मुख्यालय पर इन दोनों टीएमसी सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस झगड़े की आंच पार्टी के आधिकारिक वॉट्सऐप ग्रुप तक भी पहुंची। मालवीय ने एक 'बहुमुखी अंतरराष्ट्रीय महिला' का उल्लेख किया, जिसके चलते यह विवाद और भी बढ़ गया।
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किए गए पोस्ट में अमित मालवीय ने घटनाक्रम की जानकारी देते हुए लिखा था कि टीएमसी के दो सांसद ईसीआई कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपने गए थे, जहाँ उनके बीच ज़ोरदार बहस हुई। मालवीय के अनुसार, पार्टी ने अपने सांसदों को निर्देश दिया था कि वे संसद भवन में एकत्रित होकर ज्ञापन पर हस्ताक्षर करें और फिर संयुक्त रूप से चुनाव आयोग जाएं। हालांकि, जिस सांसद (कथित तौर पर कीर्ति आज़ाद) के पास वह ज्ञापन था, वह संसद भवन नहीं पहुंचे और सीधे ईसी ऑफिस चले गए।
नाराज हुए टीएमसी सांसद
इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से दूसरे सांसद (कल्याण बनर्जी) नाराज हो गए, जिसके परिणामस्वरूप दोनों के बीच तीखी बहस हुई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मामले को शांत करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। मालवीय ने यह भी दावा किया कि यह पूरा मामला पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक पहुंचा, जिन्होंने दोनों सांसदों को शांत रहने का निर्देश दिया।
लेकिन, कहानी यहीं समाप्त नहीं हुई। अमित मालवीय ने कुछ स्क्रीनशॉट भी सार्वजनिक किए। ये स्क्रीनशॉट 'एआईटीसी एमपी 2024' नामक एक वॉट्सऐप ग्रुप के बताए जा रहे हैं, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते और एक-दूसरे का पक्ष लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। इन स्क्रीनशॉट्स के सामने आने के बाद टीएमसी के भीतर का कलह खुलकर सामने आ गया है।
कीर्ति आजाद पर लगाए गंभीर आरोप
कल्याण बनर्जी द्वारा कीर्ति आज़ाद पर चैट लीक करने और उकसाने के आरोप लगाने से पार्टी के भीतर का माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और पार्टी को एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरना है। इस आंतरिक कलह का पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल, टीएमसी नेतृत्व इस डैमेज कंट्रोल में जुटा हुआ है और कोशिश कर रहा है कि इस विवाद को और बढ़ने से रोका जा सके।