/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/27/baba-ramdev-with-cm-andhra-pradesh-2025-06-27-16-23-04.jpg)
विजयवाड़ा में पर्यटन कॉन्क्लेव के दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तारीफ करते योग गुरु बाबा रामदेव | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।आज शुक्रवार 27 जून 2025 को विजयवाड़ा में आयोजित पर्यटन कॉन्क्लेव में योग गुरु बाबा रामदेव ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की जमकर तारीफ की है। रामदेव ने नायडू को 'पेशेवर राजनीति' और 'कॉर्पोरेट गवर्नेंस' का प्रेरणास्रोत बताया, जिससे सियासी गलियारों में नई बहस छिड़ गई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह लोग उनसे योग सीखते हैं, उसी तरह राजनेता नायडू से राजनीति सीखते हैं। क्या यह तारीफ सिर्फ शिष्टाचार है या इसके पीछे कोई गहरा राजनीतिक संदेश छिपा है? आइए जानते हैं इस पूरे मामले की अंदरूनी परतें और इसके संभावित मायने।
चंद्रबाबू नायडू: राजनीति के 'योगगुरु' या गवर्नेंस के 'CEO'?
विजयवाड़ा में चल रहे पर्यटन कॉन्क्लेव में आंध्र प्रदेश सरकार की मेजबानी में योग गुरु बाबा रामदेव का संबोधन चर्चा का विषय बन गया है। कॉन्क्लेव के दूसरे दिन रामदेव ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तुलना एक ऐसे गुरु से की, जिससे देश के राजनेता राजनीति सीखते हैं। उन्होंने विशेष रूप से नायडू की 'पेशेवर राजनीति' और 'कॉर्पोरेट गवर्नेंस' शैली की सराहना की। यह बयान ऐसे समय में आया है जब आंध्र प्रदेश में नई सरकार का गठन हुआ है और चंद्रबाबू नायडू ने सत्ता की बागडोर संभाली है।
रामदेव ने अपने संबोधन में कहा, "जैसे लोग मुझसे योग सीखते हैं, वैसे ही लोग मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से राजनीति सीखते हैं।" उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि नायडू जिस तरह की राजनीति करते हैं, वह पेशेवर और कॉर्पोरेट गवर्नेंस वाली होती है। यह एक ऐसा बयान है जो सामान्य राजनीतिक टिप्पणियों से हटकर है। क्या वाकई नायडू ने गवर्नेंस में कोई नया मॉडल स्थापित किया है?
VIDEO | Vijayawada: Addressing the gathering on the second day of the tourism conclave hosted by the Andhra Pradesh government in Vijayawada, Patanjali founder Baba Ramdev (@yogrishiramdev) praised CM Chandrababu Naidu, saying, "Just like people learn Yoga from me, people learn… pic.twitter.com/e7nJaieSDJ
— Press Trust of India (@PTI_News) June 27, 2025
इनोवेशन और प्रोडक्टिविटी: क्या राजनीति में संभव है ये कॉर्पोरेट मंत्र?
बाबा रामदेव ने अपने भाषण में कुछ ऐसे शब्द इस्तेमाल किए जो आमतौर पर व्यापार और कॉर्पोरेट जगत से जुड़े होते हैं: इनोवेशन (नवाचार), प्रोडक्टिविटी (उत्पादकता), प्रोफेशनलिज्म (पेशेवरता) और एग्जीक्यूशन (कार्यान्वयन)। उन्होंने कहा कि इन अवधारणाओं को शासन में लागू करना केवल मुख्यमंत्री नायडू ने किया है। रामदेव के अनुसार, नायडू ने देश में सभी के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम किया है और पूरे देश के राजनेता उनसे सीखते हैं।
यह टिप्पणी दिखाती है कि रामदेव, जो खुद एक सफल उद्यमी और योग गुरु हैं, नायडू के शासन मॉडल को एक व्यावसायिक उद्यम के रूप में देखते हैं। क्या यह सच है कि नायडू ने आंध्र प्रदेश में गवर्नेंस को एक नए स्तर पर पहुंचाया है, जहां दक्षता और परिणाम पर अधिक जोर दिया जाता है? उनकी पिछली सरकारों के दौरान भी उन्होंने टेक्नोलॉजी और विकास को प्राथमिकता दी थी।
नायडू का 'कॉर्पोरेट गवर्नेंस' मॉडल: क्या है इसकी खासियत?
चंद्रबाबू नायडू हमेशा से ही टेक्नोलॉजी-प्रेमी और विकासोन्मुखी नेता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में हैदराबाद को एक आईटी हब बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब जब वे फिर से आंध्र प्रदेश की सत्ता में लौटे हैं, तो उम्मीद की जा रही है कि वे राज्य के विकास पर विशेष ध्यान देंगे।
बाबा रामदेव की तारीफ इस बात पर मोहर लगाती है कि नायडू का विजन केवल पारंपरिक राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि वे शासन को एक आधुनिक और कुशल तरीके से चलाने में विश्वास रखते हैं। 'पेशेवर राजनीति' का अर्थ शायद यह है कि वे व्यक्तिगत लाभ या संकीर्ण राजनीतिक हितों के बजाय राज्य के व्यापक विकास और जनता के कल्याण को प्राथमिकता देते हैं। क्या उनका यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए एक नजीर बन पाएगा?
/filters:format(webp)/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/27/cm-andhra-and-baba-ramdev-2025-06-27-16-23-41.jpg)
सियासी मायने: क्या यह तारीफ है एक संकेत?
बाबा रामदेव की यह प्रशंसा सिर्फ एक सामान्य शिष्टाचार भेंट नहीं हो सकती। रामदेव का प्रभाव देश भर में है, और उनका किसी नेता की खुलकर तारीफ करना महत्वपूर्ण राजनीतिक मायने रखता है। क्या यह केंद्र सरकार और आंध्र प्रदेश के बीच बढ़ते तालमेल का संकेत है? या यह सिर्फ रामदेव का नायडू के गवर्नेंस मॉडल के प्रति व्यक्तिगत विश्वास है?
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा और विकास परियोजनाओं के लिए केंद्र से समर्थन की आवश्यकता होगी। ऐसे में रामदेव जैसे प्रभावशाली व्यक्ति का नायडू की तारीफ करना, कहीं न कहीं भविष्य की राजनीतिक रणनीतियों और गठबंधनों की ओर इशारा करता है। आंध्र प्रदेश की राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
आंध्र प्रदेश का भविष्य: क्या होगा अगला कदम?
चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश एक नई दिशा में आगे बढ़ने को तैयार दिख रहा है। बाबा रामदेव की तारीफ ने उनकी 'कॉर्पोरेट गवर्नेंस' और 'पेशेवर राजनीति' की छवि को और मजबूत किया है। अब देखना यह है कि नायडू इस प्रशंसा को जमीनी हकीकत में कैसे बदलते हैं और आंध्र प्रदेश को किस मुकाम तक ले जाते हैं। क्या वे वाकई देश के लिए एक प्रेरणा बन पाएंगे, जैसा कि रामदेव ने दावा किया है?
आपका नजरिया इस खबर पर क्या है? क्या आपको लगता है कि चंद्रबाबू नायडू वास्तव में राजनीति में 'कॉर्पोरेट गवर्नेंस' ला रहे हैं? नीचे कमेंट करें, हम पढ़ रहे हैं!
Andhra Pradesh news