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Chhattisgarh News : प्रिंसिपल की हैवानियत - 'राधे-राधे' बोलने पर बच्ची को मारा - मुंह पर टेप चिपकाया! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के बागडूमर गांव में स्थित मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल में नर्सरी की एक बच्ची ने राधे-राधे कहा तो स्कूल की प्राचार्य इला ईवन कोलविन ने उसे पीटा और उसके मुंह पर टेप चिपका दिया। बच्ची ने घर लौटकर परिजनों को जब इस बारे में बताया तो स्कूल पहुंचकर उन्होंने हंगामा मचाया। इस दौरान हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया। पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद लोगों में भारी गुस्सा है।
दुर्ग के एक प्ले स्कूल में छोटी बच्ची को सिर्फ इसलिए सजा दी गई, क्योंकि उसने अपनी मासूमियत में 'राधे-राधे' बोल दिया था। इस अमानवीय घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर स्कूल बच्चों को शिक्षित करने की जगह हिंसा और भेदभाव का केंद्र क्यों बनते जा रहे हैं? साढ़े तीन साल की बच्ची से प्रिंसिपल की इस क्रूरता ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। मासूम के माता-पिता ने जब उसकी हालत देखी, तो उनके होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत पुलिस से संपर्क किया।
हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया
बच्ची ने घर लौटकर परिजनों को जब इस बारे में बताया तो स्कूल पहुंचकर उन्होंने हंगामा मचाया। इस दौरान हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया।
क्या है पूरा मामला?
यह चौंकाने वाली घटना दुर्ग के पद्मनाभपुर क्षेत्र मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल बगडूमर का है। बच्ची की मां के अनुसार, जब वह अपनी बच्ची को स्कूल से लेने गईं, तो बच्ची सहमी हुई थी। बच्ची ने बताया कि 'राधे-राधे' बोलने पर प्रिंसिपल ने उसे थप्पड़ मारे और मुंह पर टेप चिपका दिया। बच्ची के गाल पर चोट के निशान भी थे। यह सुनकर बच्ची के माता-पिता हैरान रह गए और उन्होंने तुरंत इस मामले की शिकायत दुर्ग कोतवाली थाने में दर्ज कराई।
प्रिंसिपल का क्रूर बर्ताव, पुलिस जांच शुरू
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। शिकायत के बाद दुर्ग पुलिस ने प्रिंसिपल के खिलाफ बीएनएस की धारा 75 व 82 (जेजे एक्ट) साथ ही 323, 504 और 506 और बताया जा रहा है कि धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब प्रिंसिपल से पूछताछ कर रही है। इस घटना ने एक बार फिर स्कूल में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। माता-पिता अपने बच्चों को सुरक्षित महसूस करने के लिए स्कूल भेजते हैं, लेकिन जब ऐसी घटनाएं होती हैं, तो उनका भरोसा टूट जाता है।
क्यों जरूरी है बच्चों की सुरक्षा?
बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार न सिर्फ उनकी शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत पर भी गहरा असर डालता है। मासूम बच्ची के साथ हुई इस क्रूर घटना से यह साफ है कि प्रिंसिपल ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया। 'राधे-राधे' जैसे साधारण शब्द पर इस तरह का हिंसक रिएक्शन धार्मिक असहिष्णुता को दिखाता है। ऐसे प्रिंसिपल को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी बच्चों के साथ ऐसा बर्ताव न करे। स्कूल को ऐसी घटनाओं के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। दुर्ग की इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था की कमियों को उजागर किया है और सरकार को इस दिशा में कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
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