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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है। यह याचिका उनके ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट पर गिरफ्तारी के खिलाफ दायर की गई है।
सूचीबद्ध करने की मांग
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की ओर से पेश दलीलों को सुनते हुए कहा कि याचिका को मंगलवार या बुधवार को सूचीबद्ध किया जाएगा। सिब्बल ने अदालत से अपील की कि महमूदाबाद को एक "देशभक्ति पूर्ण बयान" के लिए गिरफ्तार किया गया है और मामले को तुरंत सुना जाए। इस पर पीठ ने कहा, "कृपया इसे कल या परसों सूचीबद्ध किया जाए।
सोनीपत के राई थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की गई
हरियाणा पुलिस ने रविवार को महमूदाबाद को गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ सोनीपत के राई थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पहली शिकायत हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की ओर से और दूसरी एक स्थानीय सरपंच की शिकायत पर दर्ज की गई है। आरोपों में देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने जैसे गंभीर धाराएं शामिल हैं। इससे पहले हरियाणा महिला आयोग ने भी उनकी टिप्पणियों पर संज्ञान लेते हुए नोटिस भेजा था। प्रोफेसर महमूदाबाद ने कहा है कि उनके बयान का "गलत मतलब निकाला गया" और उन्होंने केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग किया है। supreme court not present in content