नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क
पुलवामा हमले की छठी बरसी पर लेथपोरा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आज ही दिन साल 2019 में जब जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय सुरक्षा कर्मियों को ले जा रहे वाहनों के एक काफिले पर तत्कालीन राज्य जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले के लेथापोरा में एक वाहन-जनित आत्मघाती हमलावर ने हमला किया था। इस हमले में 40 भारतीय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कर्मियों के साथ-साथ अपराधी-आदिल अहमद डार-जो पुलवामा जिले का एक स्थानीय कश्मीरी युवक की मौत हो गई थी।
वीर जवानों की शहादत याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा हमले की छठी बरसी पर वीर जवानों की शहादत को याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि शहीदों के राष्ट्र के प्रति समर्पण को कभी भी भूला नहीं जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी भावनाओं को सोशल मीडिया साइट एक्स पर व्यक्त किया। इसमें उन्होंने लिखा, " 2019 में पुलवामा में हमने जिन साहसी नायकों को खो दिया, उन्हें श्रद्धांजलि। आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान और राष्ट्र के प्रति उनके अटूट समर्पण को कभी नहीं भूलेंगी।"
राजनाथ सिंह ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा कि आज ही के दिन 2019 में भारत ने पुलवामा में एक आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के वीर जवानों को खो दिया था। देश के लिए उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिवारों के प्रति अपना समर्थन प्रकट करता हूं। भारत जवानों की वीरता का सम्मान करने के लिए एकजुट है और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ हैं।
शाह ने भी शहीदों को नमन किया
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पुलवामा हमले के शहीदों को नमन करते हुए लिखा, " साल 2019 में आज के ही दिन पुलवामा में हुए कायराना आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हुए जवानों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आतंकवाद समूची मानव जाति का सबसे बड़ा दुश्मन है और इसके खिलाफ पूरी दुनिया संगठित हो चुकी है। चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक, मोदी सरकार आतंकवादियों के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति से अभियान चलाकर उनके समूल नाश के लिए संकल्पित है।"
बता दें कि 14 फरवरी 2019 को ही जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ के जवानों के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित इस्लामी आतंकवादी समूह, जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इस हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को गंभीर झटका दिया, जिसके परिणामस्वरूप 2019 में भारत-पाकिस्तान सैन्य गतिरोध हुआ। इसके बाद, भारतीय जांच में 19 आरोपियों की पहचान की गई। अगस्त 2021 तक, मुख्य आरोपी छह अन्य लोगों के साथ मारा जा चुका था, और सात को गिरफ्तार कर लिया गया था।
(सोर्स-आईएएनएस)