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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सीमा से लगते सूबों में सबसे ज्यादा उहापोह मची थी। इसकी वजह ये थी कि सीमा से सटे राज्यों में पाकिस्तानी सेना लड़ाकू ड्रोन भेज रही थी। हालांकि भारतीय सेना ने पाकिस्तानियों के ड्रोंस को बेअसर कर दिया था। लेकिन पंजाब सरकार इस बात को संजीदगी से ले रही है। इसके मद्देनजर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने फैसला किया है कि भविष्य में इस तरह का किसी भी हमले से निपटने का काम पंजाब खुद करेगा। फिलहाल पंजाब ने 51.4 करोड़ रुपये खर्च करके 9 एंटी ड्रोन सिस्टम खरीद लिए हैं। ये खरीद ECIL (इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन इंडिया लि.) से खरीदे गए हैं।
आपरेशन सिंदूर के दौरान भगवंत मान ने मंजूर किया था बजट
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब सरकार पाकिस्तान के साथ अपनी 500 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा को लेकर संजीदा है। इसी वजह से एंटी ड्रोन सिस्टम खरीदे गए हैं। ये सिस्टम हर तरह के ड्रोनों को बेअसर करने में सक्षम है। इस महीने की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कैबिनेट बैठक में 51.4 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। रिपोर्ट का कहना है कि एडीएस आठ से दस किलोमीटर की सीमा के भीतर मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) के साथ-साथ मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहनों (यूसीएवी) की पहचान करके उन्हें बेअसर करने में सक्षम होगी। ndia launches operation sindoor | aap Punjab not
पाकिस्तान से तनाव, गुजरात ने तैनात किया था अपना एडीएस
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव के दौरान गुजरात ने पाकिस्तान से सटे जिलों में अपना खुद का ड्रोन रोधी सिस्टम तैनात किया था। हालांकि सेना का सिस्टम इतना कारगर था कि गुजरात के सिस्टम को सक्रिय करने की जरूरत महसूस नहीं हुईं। गुजरात भारत का अकेला ऐसा राज्य है जिसके पास अहमदाबाद स्थित एक फर्म से खरीदा गया ड्रोन रोधी सिस्टम हैं।
समझिये, सिस्टम कैसे काम करता है
इन्फीट्रॉन एडवांस्ड सिस्टम्स प्राइवेट लि. की एंटी-ड्रोन तकनीक दो सेकेंड के भीतर ड्रोन को नीचे गिराने में सक्षम है। अगर जीपीएस और कैमरे वाला कोई संदिग्ध ड्रोन क्रिकेट स्टेडियम के ऊपर दिखाई देता है तो सिस्टम तुरंत ड्रोन के कंट्रोलर, वीडियो ट्रांसमिशन और जीपीएस कनेक्टिविटी को निष्क्रिय कर देता है। जिसके चलते ड्रोन काम करना बंद कर देता है। अगर ड्रोन विस्फोटक ले जा रहा है तो इसके कंट्रोल सिस्टम को बेअसर करने से 4-5 सेकेंड में इसका रिटर्न-टू-होम सिस्टम सक्रिय हो जाता है। इसके बाद ये वहीं चला जाता है जहां से भेजा गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक एंटी-ड्रोन यूनिट को संचालित करने के लिए सिर्फ एक व्यक्ति की जरूरत होती है। यह बैटरी और डायरेक्ट पावर सप्लाई दोनों पर चल सकता है। इसमें 45 मिनट से 1 घंटे का बैकअप होता है। यह माइनस 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 45 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में कारगर रहता है। यह पूरी तरह से हार्डवेयर-आधारित है। इससे इसकी क्षमता बढ़ जाती है क्योंकि सॉफ्टवेयर आधारित विदेशी सिस्टम को सक्रिय होने में अधिक समय लगता है।
इन्फीट्रॉन के सीईओ हिमांशु दवे ने दिव्य भास्कर को बताया कि गुजरात पुलिस ने पांच सिस्टम खरीदकर कमिश्नरेट को सौंपे हैं। गुजरात पुलिस को सबसे ताकतवर सिस्टम दिया गया है। ये बिजली की कम खपत के साथ हाई पोर्टेबिलिटी से लैस हैं। सिस्टम एक बड़े कैरी बैग के अंदर फिट हो जाता है। इसके लिए किसी विशेष रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती है। इसे ले जाना आसान होता है। यही सिस्टम पहले ही भारतीय सेना और विशेष बलों को दिया गया था।
रथ यात्रा 2023, भारत-पाक मैच के दौरान हुए थे तैनात
सिस्टम की पहली बड़ी तैनाती 2023 में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान हुई थी। फिर इसका इस्तेमाल भारत-पाक क्रिकेट मैच के दौरान किया गया। दवे ने कहा कि इसे कई परीक्षणों के बाद गुजरात पुलिस और सरकारी अधिकारियों की देखरेख में डिजाइन किया गया है।
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