रोचक बात ये है कि पंजाब सरकार के वकील को जब एहसास हुआ कि चीफ जस्टिस शील नागू के तेवर तीखे हैं तो वो बोले कि सुनवाई को स्थगित कर दिया जाए, क्योंकि आपरेशन सिंदूर के चलते बार ने कामकाज बंद कर दिया है। चीफ जस्टिस का कहना था कि जब सैनिक देश की रक्षा के लिए अपनी जान दांव पर लगा रहे हैं तो क्या हम अपना काम भी नहीं कर सकते। उन्होंने पंजाब सरकार के वकील से कहा कि वो आनलाइन पेश होकर अपना पक्ष रखें।
हाईकोर्ट ने केंद्र से केंद्रीय गृह सचिव की 2 मई की बैठक का विवरण प्रस्तुत करने को भी कहा, जिसमें हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया था।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की बेंच ने फतेहाबाद की ग्राम पंचायत की तरफ से दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में बीबीएमबी के चीफ को पंजाब की हिरासत से मुक्त करने की मांग की गई थी। बीबीएमबी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने बेंच को बताया कि उनको डैम पर रोका गया था। जिसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि यह सब हलफनामे में दर्ज करें।
फंसते दिखे तो पंजाब के वकील देने लगे अजीबोगरीब तर्क
पंजाब की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गुरमिंदर सिंह गैरी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि चेयरमैन को यह भी बताना चाहिए कि आखिरकार पंजाब की पुलिस ने ही उन्हें बचाया था। बेंच ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में 2 मई को हुई बैठक के मिनट्स पेश करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि अभी तक कोई मिनट्स पेश नहीं किए गए हैं। अगर अध्यक्षता गृह सचिव ने की थी तो यह एक औपचारिक बैठक होनी चाहिए। त्रिपाठी ने कहा कि बोर्ड वर्तमान में हरियाणा को 4,000 क्यूसेक (दिल्ली और राजस्थान के लिए 500-500 क्यूसेक सहित), राजस्थान को 1,000 क्यूसेक और पंजाब को लगभग 10,000 क्यूसेक पानी जारी कर रहा है।
पंजाब का बचाव करते हुए पंजाब के वकील गुरमिंदर सिंह ने 2 मई के निर्णय की कानूनी स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य को अनुरोध करने के बावजूद कोई आधिकारिक अधिसूचना नहीं मिली है। केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन ने अदालत को बताया कि पंजाब की कार्रवाई 6 मई के आदेश की अवमानना है, जिसमें उसे बीबीएमबी के संचालन में हस्तक्षेप करने से रोका गया था। उन्होंने कहा कि हरियाणा के आवंटन को बढ़ाने का निर्णय प्रेस सूचना ब्यूरो की एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिये दिया गया था। ध्यान रहे कि हाईकोर्ट ने 6 मई को पंजाब सरकार से कहा था कि वो नांगल डैम के काम में बाधा डालने की हिमाकत न करे।