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कम हो सकती हैं Petrol Diesel की कीमतें, भारत में बढ़ी कच्चे तेल की आवक, पुरी ने दिए संकेत

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संकेत दिया है कि अमेरिकी सहित वैश्विक बाजार में तेल की अधिक आवक(आपूर्ति) होने से पेट्रोलिय पदार्थों कीमतों में कमी आने की संभावना है।

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Mukesh Pandit
Petroleum minister

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नई दिल्ली, वाईबीएन 

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आने वाले दिनों में आपको पेट्रोल और डीजल की कीमतों से राहत मिल सकती है। इनकी कीमतों में सरकार कमी करेगी। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संकेत दिया है कि अमेरिकी सहित वैश्विक बाजार में तेल की अधिक आवक(आपूर्ति) होने से पेट्रोलिय पदार्थों कीमतों में कमी आने की संभावना है। इससे मुद्रास्फीति पर काबू करने में मदद मिलेगी। साथ ही उन्होंने कहा भारत में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें दुनिया में सबसे कम हैं। पुरी ने कहा कि अब अधिक तेल अमेरिका, ब्राजील, गुयाना, सूरीनाम और कनाडा जैसे देशों से आ रहा है। 

बोले, कच्चे तेल की कोई कमी नहीं

आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में ईंधन की कीमतें वास्तविक रूप से कम हुई हैं। आगे कहा कि कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और मौजूदा समय में 40 देशों से आपूर्ति भारत को मिल रही है। पहले इनकी संख्या 27 थी। अगर और देश इसमें जुड़ना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे। इससे तेल की कीमतों को कम रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 'अधिकांश लेनदेन डॉलर में होते हैं और हमेशा से होते आए हैं।' उन्होंने विश्वास जताया कि भारत ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले नए प्रशासन के साथ संपर्क स्थापित कर लिया है।

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क्या है ड्रिल, बेबी, ड्रिल...

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, अमेरिका में, उन्होंने (ट्रंप ने) कहा, ड्रिल, बेबी, ड्रिल। जो अधिक ड्रिलिंग करने और अधिक तेल निकालने का संकेत है। उन्होंने आधिकारिक रूप से कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों को कम करना चाहते हैं। पुरी ने कहा, “इसलिए, मुझे लगता है कि वैश्विक ऊर्जा की स्थिति में सुधार होगा। बाजार में अधिक ऊर्जा आएगी और उम्मीद है कि इससे कीमतों में कमी लाने में मदद मिलेगी। जब ऊर्जा कम कीमतों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होती है, तो इससे मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का प्राथमिक उद्देश्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कम कीमतों पर पर्याप्त तेल खरीदना है।

तीन वर्ष में कम हुई हैं तेल की कीमतें...

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केंद्रीय मंत्री के कहा,"पेट्रोलियम की कीमतें बीते तीन वर्षों में कम हुई हैं।"उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोल की कीमतों में -0.67 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हालांकि, डीजल की कीमतों में 1.15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
पुरी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि पेट्रोलियम की कीमत में गिरावट से सरकार को कोई वित्तीय फायदा नहीं हुआ है। बल्कि सरकार ने तेल कंपनियों को 22,000 करोड़ रुपये की राहत दी है। पुरी ने आगे कहा कि पीएम मोदी के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आया है और देश दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जल्द ही भारत 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। फिच रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया कि चालू वित्त वर्ष में भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग तीन से चार प्रतिशत बढ़ सकती है।

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