भारत- पाक तनाव के बीच Rafale-M डील फाइनल, अब पाकिस्तान की आएगी शामत
भारत ने आज फ्रांस के साथ 26 राफेल मेरिन फाइटर्स जेट को लेकर डील फाइनल कर दी है। यह सौदा 63000 करोड़ का है। इस सौदे में 22 सिंगल सीटर और चार डबल सीटर फाइटर विमान शामिल हैं।
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत ने आज फ्रांस के साथ 26 राफेल मरीन फाइटर्स जेट को लेकर डील फाइनल कर दी है। यह सौदा 63000 करोड़ का है। इस सौदे में 22 सिंगल सीटर और चार डबल सीटर फाइटर विमान शामिल हैं। इस सौदे बाद पाकिस्तान की शामत आना तय मानी जा रही है। पाकिस्तान में भी इस बड़े रक्षा सौदे को लेकर सनसनी का माहौल है। राफेल- एम भारतीय नेवी के लिए खरीदे गए हैं, जो मिग-29 बेड़े की जगह लेंगे। राफेल- एम फाइटर प्लेन जहाज से टेक ऑफ करके हमला कर सकेंगे और वापस जहाज पर लैंड कर सकेंगे। फ्रांस के साथ हुई इस डील पर आज दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में हस्ताक्षर हुए हैं।
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रक्षा सौदे पर इन लोगों ने किए हस्ताक्षर
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रक्षा सौदे पर भारत की ओर से रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और फ्रांस की ओर से भारत के फ्रांसीसी राजदूत ने हस्ताक्षर किए हैं। रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर के लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री का दिल्ली आने का कार्यक्रम था, लेकिन व्यक्ति कारणों से उनका कार्यक्रम स्थगित हो गया। भारत- और फ्रांस के बीच यह अब तक की सबसे बड़ी डील है। रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर होने के बाद डिफेंस सेक्टर से जुड़े शेयरों में उछाल देखने को मिला है। बता दें कि इससे पहले ही भारतीय वायुसेना में राफेल की बड़ी फ्लीट शामिल हो चुकी है।
INS विक्रांत को मिलेगा नया राफेल मरीन बेड़ा
राफेल मरीन फाइटर जेट्स को भारत के स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। ये जेट मौजूदा MiG-29K बेड़े को सहयोग प्रदान करेंगे। भारतीय वायु सेना पहले से ही 2016 में खरीदे गए 36 राफेल विमानों का संचालन कर रही है, जो अंबाला और हासीमारा एयरबेस पर तैनात हैं। इस नए सौदे के बाद भारत के पास कुल 62 राफेल जेट्स होंगे, जो देश की 4.5 पीढ़ी के फाइटर जेट बेड़े को और मजबूत बनाएंगे।
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मिग-29 के बेड़े को हटाने की तैयारी
मौजूदा मिग-29के विमानों के प्रदर्शन और रखरखाव से जुड़ी समस्याओं को देखते हुए इन्हें धीरे-धीरे हटाने की योजना बनाई गई है। राफेल मरीन जेट्स की खरीद से इस गैप को भरने में मदद मिलेगी।
9 अप्रैल को हुई थी सौदे को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 9 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने इस सबसे बड़े नौसैनिक रक्षा सौदे को मंजूरी दी थी।इस डील के तहत भारत को 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर राफेल मरीन जेट्स मिलेंगे। इसके साथ-साथ बेड़े के रखरखाव, लॉजिस्टिक्स सपोर्ट, कर्मियों के प्रशिक्षण और स्वदेशी उत्पादन के लिए भी एक व्यापक पैकेज तैयार किया गया है।
राफेल मरीन फाइटर जेट की खासियत
अत्यधिक ऊंचाई पर उड़ान क्षमता:राफेल मरीन एक मिनट में 18,000 मीटर तक की ऊंचाई प्राप्त कर सकता है।
लंबी दूरी तक हमला:यह विमान 3,700 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य पर सटीक हमला कर सकता है। बेहतर मुकाबला क्षमता:पाकिस्तान के एफ-16 और चीन के जे-20 विमानों के मुकाबले राफेल मरीन कहीं अधिक सक्षम है। विमानवाहक पोतों के लिए अनुकूल:इसे विशेष रूप से एयरक्राफ्ट कैरियर्स के लिए डिजाइन किया गया है। इसके विंग्स पूरी तरह से मुड़ सकते हैं, जिससे यह सीमित जगह में भी ऑपरेशन कर सकता है। सर्द मौसम में संचालन:राफेल मरीन हिमालय जैसी ऊंचाई और कठिन परिस्थितियों में भी कुशलता से ऑपरेट कर सकता है। वजन: राफेल मरीन का वजन लगभग 10,300 किलोग्राम है, जो स्टैंडर्ड राफेल वर्जन से थोड़ा अधिक है।
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