/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/11/rahul-gandhi-2025-08-11-10-42-35.jpg)
राहुल गांधी को EC का आखिरी मौका, माफी मांगेंगे या फिर... | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) के नोटिस, हरियाणा और महाराष्ट्र के सीईओ द्वारा जारी रिमाइंडर के बाद चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को फिर से एक घोषणा पत्र जमा करने या देश से माफी मांगने का आखिरी मौका दिया है। यह मामला लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में उनकी नियुक्ति को लेकर चल रहा है। क्या राहुल गांधी झुकेंगे या अपनी बात पर अड़े रहेंगे? आइए इस पूरे घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।
दरअसल, लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी की नियुक्ति के बाद, चुनाव आयोग (EC) ने कर्नाटक के सीईओ के पहले नोटिस के बाद एक बार फिर उन्हें घेर लिया है। आयोग का कहना है कि राहुल गांधी ने अभी तक अपनी पहली घोषणा (Declaration) नहीं दी है, जिसमें उन्हें विपक्ष के नेता के रूप में अपनी भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में बताना था। इस घोषणा पत्र के साथ ही उन्हें यह भी स्पष्ट करना था कि वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में काम करेंगे या विपक्ष के नेता के रूप में।
After yesterday's notice issued by the CEO of Karnataka, yesterday's reminder by the CEO of Maharashtra and CEO of Haryana, the Election Commission has reiterated its decision that Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi still has time to give a declaration on the first letter…
— ANI (@ANI) August 11, 2025
सीईओ के नोटिस और रिमाइंडर की कहानी
सबसे पहले, कर्नाटक के सीईओ ने राहुल गांधी को एक नोटिस भेजा था, जिसमें उनसे इस घोषणा पत्र को जमा करने के लिए कहा गया था। इसके बाद, हरियाणा और महाराष्ट्र के सीईओ ने भी एक रिमाइंडर जारी करके राहुल गांधी को याद दिलाया कि वे अभी तक आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं कर पाए हैं। इन सभी नोटिस और रिमाइंडर के बाद अब चुनाव आयोग ने खुद इस मामले में हस्तक्षेप किया है और राहुल गांधी को आखिरी मौका दिया है।
चुनाव आयोग का सख्त रुख: क्या है इसके पीछे की वजह?
चुनाव आयोग का यह रुख काफी सख्त माना जा रहा है। आयोग ने साफ-साफ कहा है कि अगर राहुल गांधी जल्द से जल्द घोषणा पत्र जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें देश से माफी मांगनी होगी। चुनाव आयोग के इस कदम के पीछे कई राजनीतिक और कानूनी पहलू हो सकते हैं। एक तरफ, आयोग अपनी संवैधानिक भूमिका को मजबूत करना चाहता है, वहीं दूसरी तरफ यह कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति भी हो सकती है।
राहुल गांधी के सामने दो विकल्प
इस समय राहुल गांधी के सामने दो रास्ते हैं:
घोषणा पत्र जमा करें: वे चुनाव आयोग द्वारा मांगी गई जानकारी और घोषणा पत्र को जमा कर दें।
देश से माफी मांगें: अगर वे घोषणा पत्र जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें देश से माफी मांगनी होगी।
यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी कौन सा रास्ता चुनते हैं। क्या वे झुककर आयोग के निर्देशों का पालन करेंगे या अपनी राजनीतिक स्टैंड पर कायम रहेंगे?
यह पूरा मामला अब एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदलता जा रहा है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस मुद्दे पर जुबानी जंग तेज हो सकती है। आने वाले दिनों में यह भी देखना होगा कि राहुल गांधी इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या वे चुनाव आयोग के सख्त रुख के सामने झुकेंगे। यह खबर आने वाले दिनों में और भी गरमा सकती है।
Rahul Gandhi EC Notice | Election Commission India | Political Showdown