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Savarkar defamation case में बोले राहुल गांधी- जो कहा वो सच, केस लड़ूंगा

राहुल ने अपने वकील के जरिये पुणे की कोर्ट से कहा कि सावरकर को लेकर उन्होंने जो कुछ कहा वो सही था। वो खुद को दोषी नहीं मानते। राहुल के इस जवाब के बाद अब कोर्ट मामले का ट्रायल जल्द शुरू करेगी।

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Shailendra Gautam
RAHUL GANDHI

RAHUL GANDHI Photograph: (RAHUL GANDHI)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः सावरकर मानहानि मामले में अब कोर्ट ट्रायल शुरू करेगी। इस मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आरोपी हैं। राहुल ने अपने वकील के जरिये पुणे की कोर्ट से कहा कि सावरकर को लेकर उन्होंने जो कुछ कहा वो सही था। वो खुद को दोषी नहीं मानते। राहुल के इस जवाब के बाद अब कोर्ट मामले का ट्रायल जल्द शुरू करेगी। 

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कोर्ट ने जवाब को किया रिकार्ड, अब शुरू होगा ट्रायल

जूडिशियल मजिस्ट्रेट अमोल शिंदे ने राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार के मार्फत जवाब को रिकार्ड पर ले लिया। इस मामले में शिकायतकर्ता सात्यकी सावरकर हैं। वो विनायक दामोदर सावरकर की वंश बेल से हैं। उन्होंने कोर्ट से राहुल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 

राहुल गांधी ने 2023 में लंदन में दिया था भाषण

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यह मामला मार्च 2023 में लंदन में दिए गए राहुल गांधी के एक भाषण से उपजा है, जिसमें उन्होंने सावरकर के लेखों में वर्णित एक घटना का उल्लेख किया था। शिकायत के मुताबिक गांधी ने दावा किया था कि सावरकर ने अन्य लोगों के साथ मिलकर एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमला किया था। मुस्लिम शख्स को निशाना बनाने से उनको सुकून मिला था।

सात्यकी सावरकर ने कहा- राहुल का बयान बेबुनियाद था

सात्यकी सावरकर का कहना है कि सावरकर की प्रकाशित रचनाओं में इस तरह की किसी घटना का जिक्र नहीं है। उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर करके आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत, भ्रामक और मानहानिकारक था। शिकायत के अनुसार इन टिप्पणियों ने न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, बल्कि विनायक सावरकर की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचाई। उन्होंने आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) के तहत राहुल गांधी को दोषी ठहराने और सीआरपीसी की धारा 357 के तहत मुआवजे की मांग की है।

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इस साल मई की शुरुआत में अदालत ने राहुल गांधी के उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया था जिसमें मामले को संक्षिप्त सुनवाई से सम्मन सुनवाई में बदलने को कहा था। यह एक ऐसा बदलाव था जो ऐतिहासिक साक्ष्य पेश करने की अनुमति देता है। राहुल गांधी ने इस कदम को यह कहकर उचित ठहराया था कि उनकी टिप्पणियां ऐतिहासिक स्रोतों पर आधारित थीं। राहुल गांधी की ओर से एडवोकेट मिलिंद पवार पेश हुए। दूसरे पक्ष से संग्राम कोल्हटकर पेश हुए।

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