नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी को लखनऊ जाना ही पड़ेगा। हालांकि उन्होंने पूरी कोशिश की कि उनको ऐसा न करना पड़े। लेकिन इलाहाबाद से जो फरमान आया है उसमें साफ कहा गया है कि राहुल को रियायत नहीं मिलने जा रही। उन्हें हर हाल में लखनऊ जाकर अपनी सफाई देनी होगी।
एसीजेएम की कोर्ट ने किया था समन, हाईकोर्ट का रोक से इन्कार
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की लखनऊ की एक अदालत द्वारा जारी समन आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर है। जस्टिस सुभाष विद्यार्थी ने मैरिट के आधार पर याचिका खारिज कर दी। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा ने गांधी को उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में 24 मार्च को सुनवाई के लिए पेश होने का निर्देश दिया था। आरोप है कि 2022 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सेना के खिलाफ राहुल ने अपमानजनक बात कही थी।
चीनी सेना से भारत की झड़प के बाद राहुल ने दिया था बयान
यह शिकायत वकील विवेक तिवारी ने सीमा सड़क संगठन के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव की ओर से दायर की है। उनका पद सेना के कर्नल के समकक्ष है। विवेक तिवारी ने आरोप लगाया कि 9 दिसंबर 2022 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई झड़प के बारे में 16 दिसंबर 2022 को राहुल गांधी की टिप्पणी अपमानजनक थी। राहुल गांधी ने कहा था कि चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना के जवानों की पिटाई कर रहे हैं।
राहुल गांधी के खिलाफ देश भर की कई अदालतों में याचिकाएं दायर की गई हैं। इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्री अमित शाह को हत्या का आरोपी कहने के लिए गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। यह मामला तब सामने आया जब भाजपा नेता नवीन झा ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इसमें आरोप लगाया गया कि राहुल ने 18 मार्च 2018 को शाह पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया।
कई बार फंस चुके हैं राहुल, सुप्रीम कोर्ट जाकर छूटी जान
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल को यह कहने के लिए फटकार लगाई थी कि विनायक दामोदर सावरकर अंग्रेजों के साथी थे और उन्हें अंग्रेजों से पेंशन मिलती थी। जस्टिस दीपांकर दत्ता और मनमोहन की बेंच ने कहा था कि स्वतंत्रता सेनानी के खिलाफ राहुल गांधी के बयान गैर जिम्मेदाराना है और अगर वह इसी तरह के बयान देते हैं तो कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करेगा। फटकार लगाने के बाद हालांकि टाप कोर्ट ने मजिस्ट्रेट की तरफ से उन्हें जारी किए गए समन पर रोक लगा दी थी। ऐसे ही एक मामले में गुजरात की कोर्ट ने राहुल को सजा सुनाई थी, जिससे उनकी सांसदी चली गई थी। उस मामले में भी राहुल को सुप्रीम कोर्ट से ही राहत मिल पाई थी।
Allahabad High Court, HC rejects plea, Rahul Gandhi, Summons from lucknow remarks on Indian Army