नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग मौसम देखने को मिल रहा है। कहीं तीखी धूप और भीषण गर्मी देखने को मिल रही है, तो कहीं बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को उत्तर भारत में भीषण गर्मी और लू की स्थिति बनी रहेगी, वहीं दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर भारत में बारिश के आसार हैं। भारतीय मौसम विभाग ने मानसून को लेकर भी बड़ा अपडेट दिया है।
राजस्थान में गर्मी के बीच बारिश
राजस्थान में गर्मी कहर बरपा रही है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, जयपुर, बीकानेर और जोधपुर समेत राजस्थान के कई शहरों में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने भीषण गर्मी के साथ लू कगा अलर्ट जारी किया है। दूसरी तरफ पूर्व राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने की संभावना है।
दिल्ली, यूपी, बिहार का मौसम
दिल्ली-एनसीआर में बुधवार के दिन अधिकतम तापमान 36 डिग्री के आसपास रह सकता है। शाम होते ही मौसम का मिजाज बदलने की संभावना है। दिल्ली में शाम के समय तेज हवाओं के साथ बारिश के आसार हैं। उत्तर प्रदेश में भी गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। कुछ इलाकों में बादल छाये हुए हैं और बारिश के आसार हैं। बिहार में भी गर्मी के बीच बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। पूर्व बिहार में भीषण बारिश होने की संभावना है।
दक्षिण भारत में मौसम का हाल
दक्षिण भारत की बात करें तो तमिलनाडु के उत्तरी इलाके और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट पर हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा केरल में भी आंधी और बारिश होने की संभावना जताई गई है। महाराष्ट्र की बात करें तो विदर्भ क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की संभावना है। पुणे, कोल्हापुर समेत कई जगहों पर बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मानसून को लेकर मौसम विभाग ने दिया अपडेट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि इस बार मानसून में भारत में सामान्य से अधिक बारिश होगी। आईएमडी ने मानसून के मौसम के दौरान अल नीनो की स्थिति बनने की संभावना को भी खारिज कर दिया। IMD प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘भारत में चार महीने (जून से सितंबर) के मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है और कुल वर्षा 87 सेंटीमीटर के दीर्घावधि औसत का 105 प्रतिशत रहने का अनुमान है।’’
पानी की कमी हो सकती है
मौसम विशेषज्ञ महापात्र ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम मानसूनी बारिश से जुड़ी अल-नीनो स्थितियां इस बार विकसित होने की संभावना नहीं है। देश के कई हिस्से पहले से ही भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं और अप्रैल से जून की अवधि में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ने का अनुमान है। इससे बिजली ग्रिड पर दबाव पड़ सकता है और पानी की कमी हो सकती है।
बाढ़ और सूखे की स्थिति
मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, जो लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है। कुल खेती योग्य क्षेत्र का 52 फीसदी हिस्सा वर्षा आधारित प्रणाली पर निर्भर है। यह देशभर में बिजली उत्पादन के अलावा पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को फिर से भरने के लिए भी अहम है। इसलिए, मानसून के मौसम में सामान्य वर्षा का पूर्वानुमान देश के लिए एक बड़ी राहत है। हालांकि, सामान्य वर्षा का यह मतलब नहीं है कि पूरे देश में हर जगह एक समान बारिश होगी। जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा आधारित प्रणाली की परिवर्तनशीलता और अधिक बढ़ जाती है। जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश के दिनों की संख्या घट रही है, जबकि भारी बारिश की घटनाएं (थोड़े समय में अधिक बारिश) बढ़ रही हैं। इससे कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और कुछ क्षेत्रों में सूखे की स्थिति पैदा होती है।