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Rajsthan में सरकारी मुलाजिम शकूर खान पर जासूसी का आरोप, जानिए - अब कोर्ट कब करेगी सुनवाई?

राजस्थान के जैसलमेर में एक सरकारी कर्मचारी शकूर खान को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत दी है। यह केस सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक और चेतावनी बन गया है।

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Ajit Kumar Pandey
राजस्थान : सरकारी कर्मचारी शकूर खान पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पकड़ा गया था | यंग भारत न्यूज

राजस्थान : सरकारी कर्मचारी शकूर खान पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पकड़ा गया था | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।राजस्थान के जैसलमेर में सरकारी कर्मचारी शकूर खान को दुश्मन देश के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अगली सुनवाई 21 जून को तय हुई है। इस खुलासे ने राज्य में हड़कंप मचा दिया है।

राजस्थान एक बार फिर सुरक्षा के लिहाज़ से सवालों के घेरे में है। जैसलमेर जिले में तैनात सरकारी कर्मचारी शकूर खान को देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोप है कि शकूर खान ने दुश्मन देश को संवेदनशील जानकारियां लीक कीं, जिसके बाद खुफिया एजेंसियों ने तत्परता दिखाते हुए उसे दबोच लिया।

कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अगली सुनवाई अब 21 जून को होगी। इस गिरफ्तारी ने राजस्थान के सरकारी तंत्र और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

कैसे हुआ शकूर खान का भंडाफोड़?

जानकारी के मुताबिक, शकूर खान एक सरकारी कार्यालय में लिपिक (क्लर्क) के पद पर कार्यरत था। बीते कुछ महीनों से उसकी गतिविधियों पर खुफिया एजेंसियों की नजर थी। उसे संदिग्ध सोशल मीडिया प्रोफाइल्स और विदेशी मोबाइल नंबरों से लगातार संपर्क में पाया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि वह राजस्थान बॉर्डर से जुड़ी कई संवेदनशील सूचनाएं भेज चुका था।

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इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थानीय पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने एक संयुक्त ऑपरेशन में उसे गिरफ्तार किया। पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।

जासूसी नेटवर्क के तार कहां तक जुड़े?

यह कोई पहला मामला नहीं है जब राजस्थान में जासूसी का नेटवर्क पकड़ा गया हो। इससे पहले भी जैसलमेर और बीकानेर जैसे सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े कई हनी ट्रैप और जासूसी मामलों का खुलासा हो चुका है।

शकूर खान के खिलाफ दर्ज प्राथमिक जांच रिपोर्ट (FIR) में बताया गया है कि वह सोशल मीडिया पर एक फर्जी महिला प्रोफाइल के ज़रिए संपर्क में आया था और धीरे-धीरे वह देश विरोधी गतिविधियों में फंसता चला गया।

कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

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गिरफ्तारी के बाद शकूर खान को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने तर्क दिया कि आरोपी की गतिविधियां सीधे तौर पर राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़ हैं और इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

वहीं, आरोपी के वकील ने कहा कि उसे फंसाया गया है और आरोप बिना ठोस सबूतों के लगाए गए हैं। अब इस केस की अगली सुनवाई 21 जून को होगी।

बार-बार जासूसी के मामले क्यों?

राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में लगातार बढ़ रहे जासूसी के मामलों ने खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। कम पढ़े-लिखे लेकिन टेक्नोलॉजी से जुड़े लोग, जिन्हें थोड़े से पैसे और भावनात्मक जाल में फंसाकर देश के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है। यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।

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शकूर खान की गिरफ्तारी एक चेतावनी है कि देश के भीतर बैठकर दुश्मन के लिए काम करने वाले लोग किसी भी ड्रेस में हो सकते हैं – सरकारी कर्मचारी, शिक्षक, या तकनीकी कर्मचारी। अब वक्त है कि सरकार सरकारी तंत्र में सुरक्षा क्लियरेंस की प्रक्रिया को और मजबूत करे और साइबर निगरानी को अनिवार्य बनाए।

शकूर खान की गिरफ्तारी सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा प्रणाली के लिए एक अलार्म है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम संदिग्ध गतिविधियों को नजरअंदाज न करें और तुरंत रिपोर्ट करें।

क्या आपके आसपास भी कोई संदिग्ध हरकत करता है? देश की सुरक्षा के लिए जागरूक बनें और सतर्क रहें। आपकी छोटी सी सूचना देश को बड़ा खतरा टालने में मदद कर सकती है।

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