लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
रमज़ान की तैय्यारियों का जायजा लेने के लिए एक मीटिंग का आयोजन इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया में चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में हुआ। मीटिंग में विभिन्न मस्जिदों में तरावीह की नमाज के सिलसिले में मौलाना जफरुद्दीन और मौलाना सुफयान ने रिपोर्ट पेश की। शहर के विभिन्न हिस्सों विशेषकर पुराने लखनऊ में सफाई, बिजली और पानी की व्यवस्था के सिलसिले में कलीम खॉ और अदनान खॉ ने रिपोर्ट पेश की।
मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र महीना
इस अवसर पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि इस्लाम धर्म के अनुसार बारह महीनों में रमजानुल मुबारक सबसे पवित्र माह माना जाता है। क्यों कि इसी महीने में खुदा पाक ने तमाम इंसानों के रहनुमाई के लिए अपनी सबसे पवित्र किताब कुरान पाक को उतारा। इस महीने में इस्लाम के बुनियादी रुक्न रोजे को फर्ज करार दिया गया। इस लिए हम सबको चाहिए कि पूरा माहे रमजान रोजे के एहतिमाम के साथ साथ इबादत में गुजारें।
सेहरी में बार-बार ऐलान नहीं करने की हिदायत
उन्होने कहा कि आज यानी 28 फरवरी को रमजानुल मुबारक का चाँद देखने का एहतिमाम किया जायेगा अगर आज चाँद हो गया तो 28 फरवरी से ही तरावीह की नमाज शुरू हो जायेगी और पहला रोजा 1 मार्च को होगा। मौलाना ने कहा कि इस महीने की अजमत का ख्याल करते हुए हम सब को इस बात की कोशिश करनी चाहिए कि अपनी जात से किसी को कोई तकलीफ न पहुंचे। इस सिलसिले में सेहरी के समय बार बार ऐलान ना किया जाये और ना किसी प्रकार का कोई शोर मचाया जाये।
गरीबों को इफ्तार कराने में सवाब
उन्होने कहा कि इफ्तार में जरूरतमन्दों और गरीबों को भी जरूरत शमिल किया जाये और उनको इफ्तार कराया जाये क्यों कि रसूल पाक का फरमान है. " जो शख्स किसी को इफ्तार करायेगा खुदा पाक उसके तमाम गुनाहों को मॉफ कर देगा और इस रोजेदार को बराबर सवाब देगा और रोजेदार के सवाब में बिलकुल कमी नही होगी।इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के महा सचिव मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीकी ने बताया कि पुलिस कमिश्नरेट और जिला प्रशासन, नगर निगम के अधिकारियों से रमजान की तैय्यारियों के सिलसिले में मीटिंग हो चुकी है।