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भारतीय छात्रा पर हमास का समर्थन करने का आरोप, अमेरिका ने रद्द किया Ranjani srinivasan का वीज़ा, भारत हुईं डिपोर्ट

अमेरिका में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लेने वाली एक भारतीय छात्रा का वीजा रद्द कर दिया गया। छात्रा के ऊपर आतंकवादी संगठन हमास का समर्थन करने का आरोप है। वीजा रद्द होने के बाद छात्रा सेल्फ डिपोर्ट होकर भारत लौटी।

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Pratiksha Parashar
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न्यूयॉर्क, आईएएनएस। 

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अमेरिका में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लेने वाली एक भारतीय छात्रा का वीजा रद्द कर दिया गया। छात्रा के ऊपर आतंकवादी संगठन हमास का समर्थन करने का आरोप है। वीजा रद्द होने के बाद छात्रा सेल्फ डिपोर्ट होकर भारत लौटी। होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने यह जानकारी दी। छात्रा का नाम रंजनी श्रीनिवासन है। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने कहा कि रंजनी श्रीनिवासन आतंकवादी संगठन हमास का समर्थन करने वाली गतिविधियों में शामिल थीं और 11 मार्च को अपने स्टूडेंट वीजा के रद्द होने के बाद अमेरिका से स्व-निर्वासित (सेल्फ डिपोर्ट) होकर लौट गईं।

कौन हैं रंजनी श्रीनिवासन?

बता दें कि रंजनी श्रीनिवासन कोलंबिया विश्वविद्यालय की पीएचडी की छात्रा थी। श्रीनिवासन कोलंबिया विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, प्लानिंग और प्रिजर्वेशन में शोध कर रही थीं। विश्वविद्यालय के अनुसार, उन्होंने ग्रेजुएशन अहमदाबाद से किया है और हार्वर्ड से मास्टर डिग्री प्राप्त की है। रंजनी अमेरिका में फिलिस्तीन समर्थन में हुए प्रदर्शनों में शामिल हुई थीं। 

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प्रदर्शन के दौरान इमारत पर कब्जा किया

फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों के दौरान विश्वविद्यालय की एक इमारत पर कब्जा कर लिया गया था, जिसके बाद दर्जनों छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। नोएम ने कहा कि अमेरिका में अध्ययन करना “एक विशेषाधिकार” है, लेकिन जब आप हिंसा और आतंकवाद का समर्थन करते हैं, तो यह विशेषाधिकार छीन लिया जाना चाहिए, और आपको इस देश में नहीं होना चाहिए। होमलैंड सुरक्षा विभाग ने कहा कि उन्हें श्रीनिवासन का एक वीडियो मिला, जिसमें वह कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (सीबीपी) एजेंसी के ऐप का उपयोग करके ‘स्वयं-निर्वासन’ कर रही हैं।

कई छात्रों को डिपोर्ट किया गया

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आपको बता दें कि सेल्फ डिपोर्ट (स्व-निर्वासन) अधिकारियों द्वारा कार्रवाई किए जाने से पहले स्वयं देश छोड़ देना होता है। यह उस स्थिति से बचने का तरीका है, जिसमें उसे अमेरिकी सैन्य विमान में बिठाकर देश भेजा जा सकता था, जैसा अभी हाल ही में देखा गया था। पिछले हफ्ते कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कई छात्रों को निर्वासित (डिपोर्ट) किया गया, जो पिछले साल प्रदर्शन में शामिल हुए थे। कई छात्र गिरफ्तार भी हुए थे।

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