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कृषि और ग्रामीण श्रमिकों को मार्च में Dearness का बोझ कम होने से राहत

श्रम और रोजगार मंत्रालय से बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल मार्च में कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों के लिए ऑल-इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित मुद्रास्फीति दर क्रमश: 3.73 प्रतिशत और 3.86 प्रतिशत पर आ गई।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्ली, आईएएनएस: श्रम और रोजगार मंत्रालय से बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल मार्च में कृषि मजदूरों (सीपीआई-एएल) और ग्रामीण मजदूरों (सीपीआई-आरएल) के लिए ऑल-इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित मुद्रास्फीति दर क्रमश: 3.73 प्रतिशत और 3.86 प्रतिशत पर आ गई। पिछले साल मार्च 2024 में सीपीआई-एएल 7.15 प्रतिशत और सीपीआई-आरएल 7.08 प्रतिशत थी। पिछले छह महीनों में कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए मुद्रास्फीति दर में लगातार गिरावट आ रही है। यह उन कमजोर वर्गों के लिए राहत भरा है, जो बढ़ती कीमतों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इससे उनके हाथ में अधिक पैसे बचते हैं, जिससे वे अधिक सामान खरीद पाते हैं, जिससे उनकी जीवनशैली बेहतर होती है।
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इस साल मुद्रास्फीति में आई गिरावट

सांख्यिकी मंत्रालय से इस महीने की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए मुद्रास्फीति में गिरावट इस साल मार्च में देश की समग्र खुदरा मुद्रास्फीति में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 3.34 प्रतिशत की गिरावट की पृष्ठभूमि में आई है, जो अगस्त 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। मार्च के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति धीमी होकर 2.69 प्रतिशत हो गई, जो नवंबर, 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है।

इन चीजों पर में आई ग‍िरावट

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आधिकारिक बयान के अनुसार, मार्च 2025 के महीने के दौरान हेडलाइन मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडों, दालों, मांस-मछली, अनाज और दूध की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण है। हाल के महीनों में देश में खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख रहा है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने 2025-26 के लिए अपने मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को 4.2 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने पिछले सप्ताह कहा था कि खाद्य मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण निर्णायक रूप से सकारात्मक हो गया है।

2025 के दौरान मुख्य मुद्रास्फीति कम हुई

आरबीआई गवर्नर ने कहा क‍ि खाद्य मुद्रास्फीति में तेज सुधार के बाद जनवरी-फरवरी 2025 के दौरान मुख्य मुद्रास्फीति कम हुई। खाद्य मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण निर्णायक रूप से सकारात्मक हो गया है। रबी फसलों के बारे में अनिश्चितताएं काफी कम हो गई हैं और दूसरे अग्रिम अनुमान पिछले साल की तुलना में रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन और प्रमुख दालों के अधिक उत्पादन की ओर इशारा करते हैं।" उन्होंने कहा कि खरीफ की मजबूत आवक के साथ, इससे खाद्य मुद्रास्फीति में स्थायी नरमी की स्थिति बनने की उम्मीद है।
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