/young-bharat-news/media/media_files/2025/10/01/pmmodi-adress-rss-meeting-2025-10-01-19-21-17.jpg)
संघ के शताब्दी समारोह को संबोधित करते प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी। एक्स
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेतावनी दी कि घुसपैठ और बाहरी ताकतें लंबे समय से देश की एकता के लिए खतरा रही हैं, लेकिन आज बड़ी चुनौती जनसांख्यिकीय परिवर्तनों से आ रही है जो सामाजिक समानता को कमज़ोर कर रहे हैं। बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि "विविधता में एकता" भारत की आत्मा है, लेकिन जाति, भाषा, क्षेत्रवाद और अतिवादी सोच से प्रेरित विभाजन, अगर उनका सामना नहीं किया गया तो राष्ट्र को कमज़ोर कर सकते हैं।
सामाजिक समानता का अर्थ है वंचितों को प्राथमिकता देना
उन्होंने कहा, "सामाजिक समानता का अर्थ है वंचितों को प्राथमिकता देकर और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देकर सामाजिक न्याय की स्थापना करना। आज ऐसे संकट उभर रहे हैं जो हमारी एकता, संस्कृति और सुरक्षा पर सीधा प्रहार कर रहे हैं। अतिवादी सोच, क्षेत्रवाद, जाति, भाषा पर विवाद और बाहरी ताकतों द्वारा भड़काए गए विभाजन। ये सभी अनगिनत चुनौतियां हमारे सामने हैं।
भारत की आत्मा सदैव विविधता में एकता की
उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा सदैव विविधता में एकता रही है, और चेतावनी दी कि "यदि इस सिद्धांत को तोड़ा गया, तो राष्ट्र की शक्ति भी कमज़ोर हो जाएगी।" इस मूल्य को निरंतर बनाए रखने और उसे मज़बूत करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, उन्होंने कहा कि आज सामाजिक समानता को घुसपैठ से भी ज़्यादा बड़ी चुनौती जनसांख्यिकीय परिवर्तन से मिल रही है।
इस चुनौती का समर्पण के साथ सामना करें
इसे आंतरिक सुरक्षा और भविष्य की शांति से जुड़ा मुद्दा बताते हुए, उन्होंने कहा कि इसीलिए उन्होंने लाल किले से जनसांख्यिकी मिशन की घोषणा की थी और राष्ट्र से सतर्क रहने और इस चुनौती का समर्पण के साथ सामना करने का आग्रह किया था। pm modi | पीएम मोदी | live pm modi | PM Modi Address