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कश्मीर में आर्टिकल 370 की छठी बरसी पर हंगामा, महबूबा मुफ्ती हिरासत में

कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने की छठी बरसी पर हंगामा, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिया गया। प्रदर्शनकारियों ने लोकतंत्र में विरोध के अधिकार का हनन बताया। यह घटना कश्मीर में जारी राजनीतिक असंतोष को दिखाती है।

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Ajit Kumar Pandey
कश्मीर में आर्टिकल 370 की छठी बरसी पर हंगामा, महबूबा मुफ्ती हिरासत में | यंग भारत न्यूज

कश्मीर में आर्टिकल 370 की छठी बरसी पर हंगामा, महबूबा मुफ्ती हिरासत में | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने की छठी बरसी पर आज मंगलवार 5 अगस्त 2025 को श्रीनगर में बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन की आयोजनकर्ता पीडीपी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पार्टी के कार्यकर्ता और नेताओं ने आर्टिकल 370 को हटाए जाने के खिलाफ विरोध मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान, इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि 6 साल बाद भी कश्मीर के लोगों को अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने की अनुमति नहीं है। यह घटनाक्रम जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के बाद से उपजे असंतोष को फिर से उजागर करता है।

आज, 5 अगस्त 2025 को, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की छठी सालगिरह है। इस अवसर पर श्रीनगर में एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली। पीडीपी कार्यालय के बाहर पुलिस और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच तनातनी का माहौल था। महबूबा मुफ्ती, उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती और कई पार्टी नेता विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरना चाहते थे। लेकिन, भारी संख्या में तैनात सुरक्षाबलों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।

पार्टी के सदस्यों का कहना था कि लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार सबको है, लेकिन 6 साल बाद भी कश्मीर में इस अधिकार का हनन हो रहा है। आर्टिकल 370 को हटाने के बाद से, कई बार स्थानीय नेताओं ने अपनी बात रखने की कोशिश की है, लेकिन उन्हें हमेशा रोका गया है। यह घटना एक बार फिर कश्मीर की राजनीतिक स्थिति पर सवाल उठाती है।

लोकतंत्र की आवाज़ दबाने का आरोप

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विरोध प्रदर्शन के दौरान, इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को सरकार ने गैरकानूनी तरीके से आर्टिकल 370 को खत्म किया था। "आज 6 साल हो गए, लेकिन हालात नहीं बदले हैं," उन्होंने कहा। "उस दिन भी हमें नजरबंद किया गया था, और आज भी हमें अपने कार्यालय से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है।" उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कश्मीर में भारतीय संविधान के नियम लागू नहीं होते, जहां लोगों को अपने अधिकारों के लिए बोलने का हक भी नहीं है।

इल्तिजा ने यह भी कहा कि कश्मीर का विशेष दर्जा, झंडा और संविधान छीना गया, और अब लोगों की आवाज़ और उनके अधिकारों को भी छीनने की कोशिश हो रही है। उन्होंने पिछले एक हफ्ते से चल रही उन अफवाहों का भी जिक्र किया, जिनमें कहा जा रहा है कि जम्मू को कश्मीर से अलग कर एक नया राज्य बनाया जाएगा। उन्होंने इन अफवाहों को जम्मू-कश्मीर के लोगों को बांटने की साजिश बताया।

5 अगस्त, 2019: आर्टिकल 370 को रद्द किया गया।

महबूबा मुफ्ती हिरासत में: विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने हिरासत में लिया।

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आवाज़ दबाने का आरोप: पीडीपी ने लोकतंत्र में विरोध के अधिकार का हनन बताया।

आर्टिकल 370 हटने की छठी बरसी: विरोध के लिए चुनी गई तारीख।

यह घटनाक्रम दिखाता है कि आर्टिकल 370 हटने के 6 साल बाद भी कश्मीर में राजनीतिक तनाव और असंतोष जारी है। स्थानीय नेताओं का मानना है कि केंद्र सरकार ने लोगों की भावनाओं को नजरअंदाज किया है। अब देखना यह है कि इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर की राजनीति किस करवट बैठेगी और क्या केंद्र सरकार इस विरोध पर कोई प्रतिक्रिया देगी।

Article 370 Anniversary | Mehbooba Mufti Detained | Kashmir Politics Today

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