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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः सुप्रीम कोर्ट में गुजरात के प्रतिनिधित्व को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कालेजियम में बवाल मच गया। हालांकि आखिर में क्या निर्णय हुआ इसका पता नहीं लग सका है। लेकिन जो कुछ हुआ वो टाप कोर्ट की साख के विपरीत था। कालेजियम में सीजेआई बीआर गवई के अलावा जस्टिस सूर्यकांत, विक्रम नाथ, जेके महेश्वरी और बीवी नागरथ्ना शामिल हैं। गुजरात का विरोध जस्टिस नागरथ्ना ने किया।
जस्टिस पंचोली का नाम सामने आते ही भड़कीं जस्टिस नागरथ्ना
दरअसल, विवाद तब शुरू हुआ जब कालेजियम के पास पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपुल पंचोली का नाम आया। सीजेआई बीआर गवई ने जब बाकी सदस्यों को बताया कि जस्टिस पंचोली का नाम सुप्रीम कोर्ट जज के लिए भेजा जा रहा है तो जस्टिस बीवी नागरथ्ना भड़क गईं। उनका कहना था कि पहले ही सुप्रीम कोर्ट में ऐसे दो जज हैं जिनका पैरेंटल हाईकोर्ट गुजरात है तो ऐसे में विपुल पंचोली के नाम पर विचार ही कैसे किया गया। जस्टिल पंटोली के अलावा बाम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे को भी सुप्रीम कोर्ट में लाने की सिफारिश की गई है। उनके नाम पर कालेजियम के किसी भी मेंबर को एतराज नहीं था। कालेजियम की ये सिफारिश मान ली जाती है तो सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 तक पहुंच जाएगी। फिलहाल यहां 32 जज काम कर रहे हैं।
महिला जस्टिस ने आवाज मुखर करके लिख डाला नोट
खबरों के मुताबिक जस्टिस बीवी नागरथ्ना ने अपना विरोध मौखिक तक ही सीमित नहीं रखा। उन्होंने अपने एतराज को लेकर एक नोट भी लिखा। उनका कहना था कि जस्टिस पंचोली के सुप्रीम कोर्ट आने से क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ जाएगा। हमें चाहिए कि सारे देश को सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व मिले। लेकिन यहां तो एक ही हाईकोर्ट यानि गुजरात से तीन-तीन जज सुप्रीम कोर्ट में तैनात हैं। उनका इशारा जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस एनवी अंजारिया की तरफ भी था। विपुल पंचोली की तरह से ही ये दोनों ही गुजरात हाईकोर्ट में सबसे पहली बार जज बने थे। उसके बाद दूसरे हाईकोर्ट में घूमकर ये सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे।
बोलीं- जिस तरह से पंचोली के नाम का चयन हुआ उससे कालोजियम की साख खतरे में
जस्टिस बीवी नागरथ्ना को इस बात पर भी एतराज था कि आनन फानन में जस्टिस पंचोली को पटना हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट लाने का फैसला किया गया। उनका कहना था कि इससे एक गलत संदेश जा रहा है। कालेजियम की साख खतरे में है। उनका कहना था कि जस्टिस पंचोली अगर सुप्रीम कोर्ट आते हैं तो वो दो साल के लिए सीजेआई बन जाएंगे।
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