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Russia–Ukraine War : UN में India की दो टूक, PM मोदी के संदेश ने दुनिया को चौंकाया! | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारत ने एक बार फिर दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया है कि शांति ही एकमात्र रास्ता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख दोहराया, जिसमें पीएम मोदी के ऐतिहासिक बयान 'यह युद्ध का युग नहीं है' पर जोर दिया गया। भारत ने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से युद्ध को खत्म करने की वकालत करते हुए दुनिया को दिखाया कि मानवीयता और शांति ही किसी भी संघर्ष का स्थायी समाधान है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है। इस महत्वपूर्ण मौके पर भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने पीएम मोदी के मशहूर बयान को दोहराते हुए कहा, “यह युग युद्ध का नहीं है।” भारत ने युद्ध के मैदान में किसी भी समाधान की संभावना को नकारते हुए बातचीत और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया।
भारत का मानना है कि निर्दोष लोगों की जान बचाना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। भारत ने इस बात पर लगातार जोर दिया है कि कूटनीति और बातचीत ही इस जंग को खत्म करने का एकमात्र रास्ता है, भले ही यह कितना भी कठिन क्यों न लगे। इस स्थायी शांति के लिए दोनों देशों की भागीदारी और प्रतिबद्धता बेहद महत्वपूर्ण है। भारत का यह रुख दिखाता है कि वह एक जिम्मेदार और शांतिप्रिय राष्ट्र के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है।
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— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) September 4, 2025
PR @AmbHarishP delivered 🇮🇳’s statement at the General Assembly Debate on ‘The situation in the temporarily occupied territories of Ukraine’. @MEAIndia@IndianDiplomacy@UNpic.twitter.com/lGWuU6JI8Q
अलास्का समिट की तारीफ और मोदी की भूमिका
भारत ने हाल के कुछ सकारात्मक घटनाक्रमों का स्वागत किया है, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई अलास्का समिट भी शामिल है। भारत ने इस शिखर सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करते हुए इसे शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इसके साथ ही, भारत ने वाशिंगटन डीसी में यूक्रेनी राष्ट्रपति और यूरोपीय नेताओं के साथ ट्रंप के कूटनीतिक प्रयासों की भी सराहना की।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूरे मामले में सक्रिय रूप से शामिल हैं। वह लगातार राष्ट्रपति पुतिन, राष्ट्रपति जेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेताओं के संपर्क में हैं। भारत की यह बहुआयामी कूटनीति दर्शाती है कि वह सिर्फ बयानबाजी नहीं, बल्कि वास्तविक प्रयासों के माध्यम से शांति स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। वैश्विक दक्षिण पर युद्ध का प्रभाव संयुक्त राष्ट्र में भारत ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया।
पार्वथानेनी हरीश ने इस बात पर खेद व्यक्त किया
हरीश ने कहा कि इस संघर्ष के कारण दुनिया भर में ईंधन की कीमतों में भारी उछाल आया है, जिसका सबसे बुरा असर ग्लोबल साउथ के गरीब देशों पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि ये देश पूरी तरह से हाशिए पर आ गए हैं और उनकी आवाज अनसुनी की जा रही है।
भारत ने जोर दिया कि इन देशों की चिंताओं को सुनना और उनका समाधान करना बेहद जरूरी है। भारत ने इस संकट के दौरान यूक्रेन को मानवीय सहायता और ग्लोबल साउथ के देशों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की है, जिनमें कुछ पड़ोसी देश भी शामिल हैं जो आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। (इनपुट एक्स हैंडल @IndiaUNNewYork)
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