/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/10/8IEZ9Ua8oENimOmKeTTt.jpg)
विराट ने 2008 में कर लिया था वन डे डेब्यू
वैसे तो विराट वन डे डेब्यू 2008 से कर चुके थे। उन्होंने अपना पहला टेस्ट भी 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेल लिया था। लेकिन तब तक टीम से अंदर बाहर होने का सिलसिला लगा हुआ था। ये वो दौर था जब सचिन सहवाग की तूती बोलती थी। ऐसे में आया 2012 का आस्ट्रेलिया का दौरा।
आस्ट्रेलिया दौरे पर विराट को वन डे टीम में जगह दी गई। ये बेहद मुश्किल दौरा था। ट्राई सीरिज में तीसरी टीम श्रीलंका था और उसके बालिंग अटैक का दारोमदार लसिथ मलिंगा पर था। मलिंगा के बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है। क्रिकेट इतिहास के वो अकेले गेंदबाज रहे जो अपनी डेथ यार्कर से मैच का पासा आखिरी ओवर में भी बदल सकते थे।
श्रीलंका ने दिया था 320 रन का टारगेट
खैर बात करते हैं उस मैच की जिसने विराट को किंग कोहली बनाया 28 फरवरी 2012 को होबार्ट में डे नाइट मैच खेला गया। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी की। तिलकरत्ने दिलशान और कुमार संगकारा ने भारतीय गेंदबाजों को मैदान के हर कोने में मारा। दिलशान ने शानदार 160 रन बनाए जबकि संगकारा ने 87 गेंदों में 105 रनों की तेजतर्रार पारी खेली। श्रीलंका ने 50 ओवरों में 320 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया। संगकारा और दिलशान ने इस कदर मारा कि भारत को 7 गेंदबाज आजमाने पड़ गए। कमेंट्री बाक्स में बैठे इयान चैपल मान चुके थे कि भारत के लिए जीतना बेहद दुश्वारी भरा होगा, क्योंकि सामने मलिंगा हैं।
सस्ते में निपट गए थे सचिन सहवाग
चैपल ने जो कहा वो सच भी होता दिखा, वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर ओपनिंग पेयर के रूप में मैदान में आए तब गेंद खतरनाक तरीके से स्विंग कर रही थी। मलिंगा के लिए ये मुफीद हालात थे। मलिंगा ने इसका फायदा उठाया और सचिन तेंदुलकर को 39 के स्कोर पर मलिंगा ने चलता कर दिया। तेजी से अंदर आई आफ कटर को सचिन नहीं समझ सके और लेग बिफोर विकेट हो गे। 16 गेंदों में 30 रन ठोककर सहवाग ने तेज तर्रार पारी खेली लेकिन वो सचिन से पहले ही पैवेलियन लौट गए। उनके बाद मैदान पर गौतम गंभीर आए। लेकिन मलिंगा के सामने वो बेबस दिख रहे थे।
कोहली ने विराट पर जताया भरोसा
सचिन के आउट होने के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने विराट कोहली को भेजा। विराट आए और उसके बाद जो कुछ भी हुआ वो उनको किंग कोहली का तमगा दिला गया। जब वो क्रीज पर आए तो हार यकीनी लग रही थी। श्रीलंका के गेंदबात चाहें वो मलिंगा हो या महरूफ गेंद को दोनों तरफ स्विंग करा रहे थे। कोहली आए तो सामने मलिंगा थे। पहली गेंद शार्ट आफ लेंथ थी। कोहली ने हुक करके शानदार चौका जड़ा। अगली टो क्रसिंग यार्कर थी, वो भी मैदान के बाहर भेज दी गई। कोहली ने जो विराट रूप दिखाया वो इतना बड़ा था कि भारत ने वो मैच 36.4 ओवर में ही खत्म कर दिया। गौतम गंभीर ने जुझारू 63 रन बनाए और सुरेश रैना ने तेजतर्रार 40। लेकिन वो कोहली थे जिसने श्रीलंका के हाथों से मैच छीन लिया। मलिंगा का हाल कितना बुरा था कि वो 10 ओवर भी पूरे नहीं कर पाए। उनके 7 ओवरों में 96 रन आए।
होबार्ट में खेली थी 86 गेंदों पर 133 रनों की पारी
कोहली ने दिखाया कि वो किंग बनने की काबिलियत कैसे रखते हैं। उन्होंने 86 गेंदों में 133 रन बनाए। इसमें 16 बाउंड्री और दो गगनचुंबी छक्के शामिल थे। बेहद आक्रामक लेकिन संतुलित अंदाज में बनाया गया उनका शतक कितना शानदार था कि इस मैच के बाद मान लिया गया कि सचिन के 100 शतकों के महा रिकार्ड को कोई तोड़ सकता है तो वो कोहली ही हैं। रिलायंस फाउंडेशन के प्रोग्राम में जब सलमान खान ने सचिन से कहा कि ये रिकार्ड तो कोई तोड़ ही नहीं सकता है। तब सचिन ने गैलरी में पीछे बैठे विराट और रोहित की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि इन दोनों में ये हुनर है। हालांकि विराट सचिन के महा रिकार्ड को नहीं तोड़ सके। अलबत्ता वन डे क्रिकेट में वो सचिन से मीलों आगे हैं।
आंकड़े कुछ कहते हैं...
विराट ने 302 एकदिवसीय मैचों की 290 इनिंग्स में 14181 रन बनाए। उनका औसत 57.88 का रहा जबकि स्ट्राइक रेट 93.35 का। उनके नाम 51 शतक दर्ज हैं जबकि इस दौरान उन्होंने 74 हाफ सेंचुरी लगाईं। वन डे रिकार्ड के मामले में वो सचिन से कहीं ज्यादा आगे हैं। सचिन के वन डे में 49 शतक हैं। उनका औसत तकरीबन 44 और स्ट्राइक रेट 86 के आसपास रहा। खास बात है कि 49 शतक लगाने में सचिन को साढ़े 400 से ज्यादा मैच खेलने पड़े जबकि विराट ने ये कारनामा 300 से कम मैचों में कर दिखाया।
virat kohli, king kohli, australia, Sri Lanka vs India । virat and dhoni । cricket