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"ब्रिटेन में बैठा है रक्षा सौदों का दलाल संजय भंडारी, कैसे उड़ाए भारत के अरबों? अब ED की सबसे बड़ी कार्रवाई!" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।दिल्ली की अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया; अब होगी संपत्ति ज़ब्त! ब्रिटेन में बैठा हथियार डीलर संजय भंडारी, जिस पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, उसे दिल्ली की एक विशेष अदालत ने 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित कर दिया है। इस बड़े फैसले के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब उसकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करेगा, जिससे भारत में उसे वापस लाने का दबाव बढ़ गया है। यह फैसला कई हाई-प्रोफाइल रक्षा सौदों में उसकी कथित भूमिका की गहन जांच का परिणाम है।
कौन है संजय भंडारी और क्यों है ED को उसकी तलाश?
संजय भंडारी कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है; वह एक ऐसा नाम है जो भारत में कई विवादास्पद रक्षा सौदों से जुड़ा रहा है। उस पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप हैं, जिनमें से एक बड़ा आरोप कथित तौर पर यूपीए सरकार के दौरान 2008 में हुए पिलेट्स विमान सौदे में उसकी भूमिका से संबंधित है। ईडी का आरोप है कि भंडारी ने इन सौदों के ज़रिए भारी मात्रा में पैसा विदेशों में भेजा और अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की। वह कई सालों से भारत से फरार है और माना जाता है कि वह ब्रिटेन में रह रहा है।
फरार होने के बाद से ही ईडी लगातार उसे भारत वापस लाने की कोशिश कर रही है। उसकी संपत्तियों की जांच और उन्हें जब्त करने की कवायद इसी कड़ी का हिस्सा है। क्या यह फैसला उसे भारत वापस लाने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगा?
दिल्ली की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर ब्रिटेन में बसे हथियार डीलर संजय भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है: अधिकारी
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 5, 2025
'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित होने का क्या मतलब है?
किसी व्यक्ति को 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' घोषित करने का अर्थ है कि उस व्यक्ति के खिलाफ गंभीर आर्थिक अपराधों के आरोप हैं और वह भारत में कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गया है। भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत, एक बार घोषित होने के बाद, सरकार को उस व्यक्ति की भारत और विदेश में स्थित संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल जाता है। इस कानून का मकसद ऐसे अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना और उन्हें अपनी अवैध कमाई का फायदा उठाने से रोकना है।
इस घोषणा से संजय भंडारी पर कानूनी शिकंजा और कस गया है। अब उसकी संपत्ति जब्त होने के साथ-साथ प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी तेज हो सकती है।
पिलेट्स घोटाला, जिसे पिलेट्स PC-7 मार्क II प्रशिक्षक विमान खरीद घोटाला के नाम से भी जाना जाता है, 2008 में भारतीय वायुसेना के लिए 75 पिलेट्स प्रशिक्षक विमानों की खरीद से जुड़ा है। आरोप है कि इस सौदे में संजय भंडारी ने दलाली के तौर पर भारी रिश्वत ली थी। सीबीआई और ईडी दोनों ही इस मामले की जांच कर रहे हैं। इस मामले में कई बड़े नाम भी जांच के दायरे में आए थे। यह घोटाला भारत के रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के सबसे बड़े मामलों में से एक है।
अब आगे क्या होगा? संपत्ति ज़ब्त और प्रत्यर्पण की राह
दिल्ली की विशेष अदालत के फैसले के बाद ईडी अब संजय भंडारी की भारत और ब्रिटेन में स्थित संपत्तियों को अस्थायी रूप से ज़ब्त करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। इसमें उसकी अचल संपत्ति, बैंक खाते और अन्य संपत्तियां शामिल हो सकती हैं।
संपत्ति ज़ब्त: ईडी अब कानूनी रूप से उसकी संपत्तियों को ज़ब्त करने के लिए कदम उठाएगी।
प्रत्यर्पण प्रयास: भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित होने के बाद, भारत सरकार ब्रिटेन से उसके प्रत्यर्पण के लिए अपने प्रयासों को और तेज़ करेगी। हालांकि, प्रत्यर्पण एक लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें समय लग सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: भारत अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों, जैसे इंटरपोल, की मदद से भी उस पर दबाव बढ़ाएगा।
क्या ब्रिटिश सरकार भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर सहमत होगी? यह एक बड़ा सवाल है जिस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
क्या इस फैसले से रक्षा सौदों में पारदर्शिता आएगी?
संजय भंडारी जैसे हथियार डीलर पर हुई यह कार्रवाई भारत के रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। सरकार का लगातार यह प्रयास रहा है कि रक्षा सौदों में पारदर्शिता लाई जाए और बिचौलियों की भूमिका खत्म की जाए। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई से भविष्य में ऐसे आर्थिक अपराधियों पर लगाम लग सकती है। यह फैसला एक संदेश देता है कि भारत अपनी कानूनी प्रक्रियाओं से बचने वाले अपराधियों को नहीं छोड़ेगा।
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