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इस वजह से की Muskan ने प्रेमी साहिल  के साथ मिल पत‍ि की हत्‍या, चाशीर्च में हुआ चौकाने वाला खुलासा

मेरठ के ब्रह्मपुरी इलाके में सौरभ हत्याकांड की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने बताया कि सौरभ की हत्या किसी तंत्र-मंत्र या अंधविश्वास के कारण नहीं, बल्कि प्रेम-प्रसंग में बाधक बनने के चलते की गई।

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Ranjana Sharma
_Foreign Secretary Vikram Misri  (5)
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मेरठ, वाईबीएन डेस्‍क: ब्रह्मपुरी क्षेत्र में हुए सनसनीखेज सौरभ हत्याकांड की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि सौरभ की हत्या के पीछे किसी तंत्र-मंत्र या अंधविश्वास का हाथ नहीं था, बल्कि इसका कारण पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल के अवैध संबंध थे। प्रेम-प्रसंग में बाधा बनने पर दोनों ने मिलकर सौरभ की निर्मम हत्या की योजना रची और उसे अंजाम दिया। ब्रह्मपुरी पुलिस ने सोमवार को मुख्य आरोपी मुस्कान और साहिल के खिलाफ करीब 1000 पन्नों की चार्जशीट सीजेएम कोर्ट में दाखिल कर दी है। इस मामले में 36 लोगों को गवाह बनाया गया है, हालांकि पुलिस के पास कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं है। चार्जशीट में जुटाए गए सबूतों और फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर मामला मजबूत माना जा रहा है।
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हत्या की कहानी: दवा, चाकू और ड्रम में सीमेंट

जांच में सामने आया कि 3 मार्च की रात मुस्कान ने खाने में नींद की दवा मिलाकर पति सौरभ को बेहोश किया। इसके बाद साहिल के साथ मिलकर चाकू से सौरभ के सीने पर वार कर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद उन्होंने सौरभ का सिर और दोनों हाथ अलग कर दिए और शव को नीले प्लास्टिक ड्रम में डालकर सीमेंट से भर दिया। हत्या के बाद दोनों आरोपी 4 मार्च को हिमाचल फरार हो गए और 17 मार्च की रात मेरठ लौटे। 18 मार्च को हत्या का खुलासा हुआ और सौरभ का शव घर के पीछे ड्रम में बरामद किया गया। मुस्कान और साहिल को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।

फर्जी आईडी, स्नैपचैट और डिजिटल सबूत

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पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि मुस्कान ने स्नैपचैट पर दो फर्जी आईडी के जरिए साहिल को हत्या के लिए उकसाया। पुलिस ने उनके मोबाइल फोन, स्नैपचैट चैट, हथियार, खून के निशान, अंगुलियों के निशान और इस्तेमाल किए गए ड्रम सहित अन्य सामानों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है।चार्जशीट में सौरभ के भाई राहुल, कैब चालक अजबसिंह, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और हत्या के बाद सबूत जुटाने वाली टीम को प्रमुख गवाह बनाया गया है। जिस मेडिकल स्टोर से दवा और दुकान से ड्रम खरीदा गया, उनके मालिकों को भी गवाही में शामिल किया गया है।

कानूनी प्रक्रिया और सजा की संभावना

पुलिस और अभियोजन पक्ष का मानना है कि यह मामला ‘विरलतम श्रेणी’ (rarest of rare) का है और अदालत में मजबूत पैरवी से आरोपियों को कड़ी सजा मिलना तय है। वरिष्ठ अधिवक्ताओं के अनुसार, यह पूरी तरह सुनियोजित हत्या थी, जिसमें पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने बताया कि केस की चार्जशीट दाखिल कर दी गई है और पुलिस जल्द ही ट्रायल शुरू कराने की दिशा में अभियोजन के साथ समन्वय में काम कर रही है।

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