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शिव भक्ति में डूबा सावन का पहला सोमवार, देशभर में गूंजा हर-हर महादेव

सावन के पहले सोमवार को देशभर के शिवालयों में शिव भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। 15 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों और शिवालयों में सुबह से ही लंबी कतारें देखी गईं, जहां श्रद्धालुओं ने 'बम-बम भोले' के जयकारे के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना की।

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Ajit Kumar Pandey
शिव भक्ति में डूबा सावन का पहला सोमवार, देशभर में गूंजा हर-हर महादेव | यंग भारत न्यूज

शिव भक्ति में डूबा सावन का पहला सोमवार, देशभर में गूंजा हर-हर महादेव | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।आज सोमवार 14 जुलाई 2025 को पवित्र सावन का पहला सोमवार है। आज देशभर के शिवालयों में शिव भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। सुबह से ही मंदिरों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं, जहां श्रद्धालुओं ने 'बम-बम भोले' के जयकारे के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। इस पावन अवसर पर 15 प्रमुख शिवालयों में विशेष रौनक देखने को मिली।

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हिंदू धर्म के अनुसार सावन महीना भगवान शिव को समर्पित रहता है। हर साल भक्तों में एक अलग ही ऊर्जा और उत्साह दिखाई देता है। इस साल सावन के पहले सोमवार को भी यही भक्तिमय नजारा देखने को मिला। भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए मंदिरों में पहुंचे। शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाकर भक्तों ने अपनी श्रद्धा अर्पित की। ऐसा माना जाता है कि सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

क्यों खास है सावन का सोमवार?

श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र महीनों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव अपनी ससुराल, दक्ष प्रजापति के यहां निवास करते हैं। इसी महीने में समुद्र मंथन हुआ था, जिससे निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में धारण किया था, जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया और वे 'नीलकंठ' कहलाए। तभी से यह मास शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। सावन के सोमवार को व्रत रखने और शिव पूजा करने से स्वास्थ्य, धन और समृद्धि प्राप्त होती है।

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15 प्रमुख शिवालयों में भक्तों की अटूट आस्था

भारत भूमि पर भगवान शिव के अनेक पावन धाम हैं, लेकिन कुछ ऐसे प्रमुख शिवालय हैं जहां भक्तों की भीड़ हर सावन में दोगुनी हो जाती है। इस पहले सोमवार को भी इन मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। आइए जानते हैं ऐसे 15 प्रमुख शिवालयों के बारे में जहां भक्तों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई:

काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी: द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक, यह मंदिर शिव भक्तों के लिए परम पवित्र स्थान है। सावन के पहले सोमवार को यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, उज्जैन: एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग, जहां बाबा महाकाल के भस्म आरती के दर्शन के लिए सुबह से ही लंबी कतारें लगी रहीं।

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात: भारत के पश्चिमी तट पर स्थित यह ज्योतिर्लिंग अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। यहां भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली।

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड: हिमालय की गोद में स्थित यह धाम, प्रतिकूल मौसम के बावजूद शिव भक्तों की आस्था का केंद्र बना रहा।

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भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र: पुणे के पास स्थित यह मंदिर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र: नासिक के पास स्थित यह ज्योतिर्लिंग ब्रह्मगिरि पर्वत से निकलने वाली गोदावरी नदी के तट पर है।

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र: औरंगाबाद के पास स्थित यह अंतिम ज्योतिर्लिंग एलोरा गुफाओं के करीब है।

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड: देवघर में स्थित यह ज्योतिर्लिंग मनोकामना लिंग के रूप में भी जाना जाता है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात: दारुकावन में स्थित यह ज्योतिर्लिंग शिव पुराण में वर्णित है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु: दक्षिण भारत का यह महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम द्वीप पर स्थित है, जिसकी स्थापना स्वयं भगवान राम ने की थी।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश: नर्मदा नदी के बीच मंधाता द्वीप पर स्थित यह ज्योतिर्लिंग अपनी अनूठी बनावट के लिए जाना जाता है।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश: श्रीशैलम पर्वत पर स्थित यह ज्योतिर्लिंग शक्तिपीठ के रूप में भी पूजनीय है।

लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर, ओडिशा: यह प्राचीन मंदिर भुवनेश्वर का एक प्रमुख आकर्षण है और भगवान शिव को समर्पित है।

अमरनाथ गुफा मंदिर, जम्मू-कश्मीर: यह पवित्र गुफा मंदिर अपनी प्राकृतिक बर्फ से बनी शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, जहां पहुंचने के लिए कठिन यात्रा करनी पड़ती है।

मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर, कुरुक्षेत्र, हरियाणा: महाभारत काल से जुड़ा यह मंदिर अपनी प्राचीनता और धार्मिक महत्व के लिए विख्यात है।

भक्ति में लीन हुए लोग, दिखा आस्था का अद्भुत संगम

श्रावण का पहला सोमवार सिर्फ मंदिरों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि यह घरों और मोहल्लों में भी भक्ति का रंग घोल गया। जगह-जगह भंडारे आयोजित किए गए, शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप हुआ। कई घरों में रुद्राभिषेक और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ किया गया। सोशल मीडिया पर भी शिव भक्ति से जुड़े पोस्ट और तस्वीरें छाई रहीं, जो इस पावन अवसर की भव्यता को दर्शाती हैं। भक्तों ने इस दिन भगवान शिव के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और विश्वास का परिचय दिया।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के सोमवार को व्रत रखने से न केवल शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह ग्रह दोषों को शांत करने में भी सहायक होता है। इस दिन शिव मंत्रों का जाप और शिव पुराण का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। अविवाहित कन्याएं उत्तम वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती हैं, वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए।

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